प्रोफेसर ने नौकरी के लिए लिए थे तपन से पैसे
नही मिली नौकरी और न ही वापस मिले पैसे तो प्रोफेसर दम्पति का नौकर ने ही कर दिया काम तमाम
एसपी ने कहा नौकर रखने से पहले करा लें वेरीफिकेशन
11 दिन बाद पकड़ा गया प्रोफेसर दंपति का हत्यारा
आरा,10 फरवरी. 29 जनवरी को आरा में हुए प्रोफेसर दंपति की दोहरी हत्या की गुत्थी सुलझ गई है और 11 दिनों के बाद भोजपुर पुलिस के लिए चैलेंजिंग रहा यह केस हत्यारे की गिरफ्तारी के साथ ही खत्म हो गया. गुरुवार को पुलिस ने हत्यारे को असम से पकड़ कर आरा लाया और मीडिया के सामने पूरी कहानी बताई. भोजपुर पुलिस ने सिर्फ CCTV फुटेज को आधार बना कर जिस तरह से हत्यारे को खोज निकाला है वह काबिले तारीफ है. क्योंकि भोजपुर पुलिस के पास क्लू के नाम पर सिर्फ CCTV फुटेज में दिख रहा संदिग्ध था. उस पर ही हत्या का संदेह था, लेकिन उसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी. वह तो भला हो पटना के लालजी टोले में रहने वाले उस बुजुर्ग का जिसने फ़ोटो को देखकर हत्यारे का नाम और पता बता दिया. पुलिस हत्यारे को खोजने के लिए आरा, पटना, रोहतास,छपरा और औरंगाबाद खाक छानती रही और हत्यारा आसाम जाकर आराम फरमा रहा था. फिल्मी कहानी सी लगती यह जांच की असली कहानी है और भोजपुर पुलिस ने अपनी भागदौड़ कर दोहरी हत्याकांड के रहस्य का पर्दाफाश किया है.
पकड़ा गया हत्यारा असम निवासी तपन डे उर्फ दीपक बताया जा रहा है वह प्रोफेसर दम्पति के यहां काम करता था और उसने हत्या की बात को कबूला है. महज 10 से 15 मिनट के अंदर ही हत्यारे ने प्रोफेसर दंपति का की हत्या चाकू से गोद कर कर दी थी. उस दौरान उसकी प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह के साथ उठा-पटक भी हुई थी, जिसमें उसे भी चोटें आयी थी. भोजपुर SP ने बताया कि दीपक से पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूली है और CCTV से मिले फुटेज उसे प्रमाणित भी करते हैं. SP ने बताया कि पहले हत्यारे ने प्रोफेसर पुष्पा सिंह को चाकू से दो बार हमला कर उस समय मार डाला जब प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह बाथरूम में नहाने गए थे. नहाने के बाद जैसे ही वे बाथरूम से निकले, पहले से घात लगाए तपन डे उनपर पीछे से चाकू से हमला बोल दिया. हमले में प्रोफेसर घायल तो जरूर हुए लेकिन उन्होंने इसके बाद भी अपना बचाव करते हुए हत्यारे से भिड़ गए. इसी भिड़ंत में तपन उर्फ दीपक को चोटें आईं. यहाँ तक कि चाकू से उसका हाथ भी कट गया था. लेकिन अंततः वह प्रोफेसर की हत्या करने में भी कामयाब हो गया और घर से भाग निकला. रास्ते मे उसने दर्द से राहत के लिए पेन किलर लिया. फिर उसने स्टेशन के लिए ऑटो लिया और लोकल ट्रेन से पटना चला गया. इस बीच उसने प्रोफेसर दंपती का मोबाइल कचरे के पास फेंका. पटना में उसके परिचितों ने हाथ कटने के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि ट्रेन से उतरते समय गिर गया था. पटना के बाद वह वहां से अपने गांव चला गया.
हत्या की गुत्थी सुलझाना आसान नही था किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नही थी उक्त हत्या की कहानी. पुलिस ने जांच के दौरान लगभग 500, CCTV खंगाला. उस दौरान आरा, पटना, फुलवारी शरीफ, दानापुर और राजेंद्र नगर आदि स्टेशनों के भी फुटेज का अवलोकन किया गया. इस CCTV ने ही हत्यारे का क्लू दिया जिसके आधार पर पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और फिर सफलता हाथ लगी. यही नही पुलिस की हार्ड वर्क का अंदाजा इससे भी समझा जा सकता है कि उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम में शामिल अफसर व जवान लगातार 32 घंटे वाहन चला कर असम पहुंचे थे.
पुलिस के अनुसार उसे पता था कि प्रोफेसर के घर में पैसे हैं. ऐसे में जब प्रोफेसर ने उसके बकाया पैसे नहीं दिया, तो उसने उनके घर में रखे पैसे लेने के फिराक में था. उसी चक्कर में उसने पहले प्रोफेसर पुष्पा सिंह की हत्या की थी. बाद में पकड़े जाने की डर से प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह को मार डाला.
नौकरी के लिए दिए पैसे, न मिली नौकरी और न ही पैसे तो कर दी हत्या
तपन डे उर्फ दीपक द्वारा 29 जनवरी को ही प्रोफेसर दंपति को मौत को घाट उतार दिया था. एसपी के अनुसार गिरफ्तार तपन डे द्वारा अपने कनफेशनल बयान में कहा कि वह काफी दिनों से प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह के संपर्क में था. नौकरी लगाने के नाम पर उसने महेंद्र प्रसाद सिंह को कुछ पैसे भी दिए थे. जब वह पैसे की मांग करता था, तो वे कोई न कोई बहाना बना देते थे. घटना के दिन वह उनके घर पर चार-पांच घंटे रहा. खाना भी बनाया. उसके बाद उसने पैसे की मांग की. हर बार की तरह प्रोफेसर ने फिर टालमटोल किया. इसी को लेकर प्रोफेसर और तपन के बीच नोकझोंक हुई थी. नोकझोंक के बाद इसी दौरान वे बाथरूम में नहाने चले गए. पैसे मांगते-मांगते तंग आये तपन डे ने उसी दिन तय कर लिया कि वह आज हिसाब चुकता करेगा और प्रोफेसर दम्पति का अंत कर दिया.
कैसे मिला प्रोफेसर को तपन ?
तपन असम के धेमाजी के जोनाई गांव निवासी तपन डे उर्फ दीपक पटना के एक होटल में काम करता था. उसके होटल में काम करने के दौरान प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिंह का उस होटल में आना-जाना लगा रहता था. उसी दरमियान तपन डे प्रोफेसर के संपर्क में आया था. लगभग एक दशक पहले तपन डे ने होटल छोड़ दिया था. लेकिन बावजूद इसके उसकी घनिष्टता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह प्रोफेसर से लगातार संपर्क में था. होटल का काम छुटने के बाद प्रोफेसर ने उसे काम दिलाने का वादा किया था. काम के सिलसिले में वह अक्सर आरा स्थित प्रोफेसर के घर आता-जाता था. काम और पैसे मिलने की लालच में वह प्रोफेसर के घर खाना बनाने सहित अन्य काम भी कर देता था.
यही नही कई दफा तो प्रोफेसर की पत्नी की तबियत बिगड़ने पर तपन की पत्नी तक उनकी सेवा करने आयी थी. काम छूटने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ पटना के लाल जी टोले में रहता था. कुछ माह पहले वह असम चला गया था. लेकिन जब पिछले साल अक्टूबर- नवंबर में वह पटना लौटा तो अक्सर प्रोफेसर दंपती के घर आकर खाना बनाता. बीते माह वह 20 जनवरी 2023 से लगातार आरा प्रोफेसर के घर पर ही रह रहा था. हत्या के बाद वह प्रोफेसर के घर से 8000 कैश और कुछ गहने लेकर फरार हो गया जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है.
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