दिल्ली स्पेशल सेल की पुलिस आरा क्यों?

UAPA एक्ट की जांच के लिए दिल्ली से आरा पहुँची पुलिस

आरा/दिल्ली, 30 जनवरी. रविवार को संदेह के आधार पर नगर थाना की पुलिस ने दूधकटोरा एवं अबरपुल इलाके में छापेमारी कर अबरपुल से मो. नेहाल एवं दूधकटोरा से इशाद खां के बेटे को उठाया और उन्हें थाने लाकर पूछताछ की. दरअसल यह पूछताछ दिल्ली के लोधी कॉलोनी से स्पेशल सेल की टीम पर किया गया. रविवार के अहले सुबह ही दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम आरा पहुंची और उक्त लोगों से पूछताछ की. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने इसे लेकर भोजपुर पुलिस से पहले से ही संपर्क साध रखा था. दिल्ली से आई टीम का नेतृत्व SI राहुल सागर कर रहे थे.




पुलिस सूत्रों के अनुसार मामला आर्म्स, विस्फोटक अधिनियम एवं सूचना लीक किए जाने से जुड़ा है. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से काफी देर तक पूछताछ किया और साक्ष्य एकत्रित करने का प्रयास भी किया. मामला इसी महीने का बताया जा रहा है. जांच दिल्ली स्पेशल सेल की टीम कर रही है. मामला UAPA एक्ट के तहत गैरकानूनी गतिविधियां से जुड़ा बताया जा रहा है.

क्या है UAPA एक्ट?

UAPA का फुल फॉर्म Unlawful Activities Prevention Act यानि कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम लगाना है. पुलिस और जांच एजेंसियां इस कानून के तहत ऐसे आतंकियों, अपराधियों और संदिग्धों को चिन्हित करती है, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं या उसकी कोशिश करते हैं. UAPA कानून को 1967 में लाया गया था. तब से लेकर अब तक इसमें चार बार संशोधन किए जा चुके हैं. 2004, 2008, 2012 और 2019 में इस कानून में बदलाव किए गए.

संशोधन से पहले किसी को व्यक्तिगत आतंकवादी ठहराने का कोई प्रावधान नहीं था. ऐसे में जब किसी आतंकवादी संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाता था तो उसके सदस्य एक नया संगठन बना लेते थे. इस प्रक्रिया पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने UAPA कानून में संशोधन किया. संशोधन से पहले NIA को जांच के लिए संबंधित राज्य की पुलिस से अनुमति लेनी पड़ती थी, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं है. अब NIA आतंकवाद से जुड़े किसी भी मामले में सबूत के आधार पर व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है और उसे आतंकी घोषित कर संपत्ति सीज कर सकती है.

पहले इसके लिए पुलिस महानिदेशक से अनुमति लेनी होती थी, लेकिन 2019 में किए गए संशोधन के बाद अब यह विधेयक NIA को अधिकार देता है कि आतंकवाद से जुड़े किसी मामले की जांच के लिए NIA के अधिकारियों को सिर्फ NIA डायरेक्टर जनरल से अनुमति लेनी होगी. कानून में हुए संशोधन के बाद अब NIA के अफसरों को ज्यादा अधिकार मिले हैं.अब इंस्पेक्टर रैंक या उससे ऊपर के अफसर आतंकवाद से जुड़े ऐसे किसी भी मामले की जांच कर सकते हैं

नगर थाना इंस्पेक्टर एस कुमार के अनुसार दिल्ली पुलिस संदेह के आधार पर आरा आई थी और दो लोगों से पूछताछ किया. पूछताछ के बाद आरोपियों को तत्काल पीआर बांड पर छोड़ दिया गया.

PNCB

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