28 दिसंबर को है दरभंगा नगर निगम के मेयर का मतदान
12 प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में
दरभंगा एक बार फिर नगर निगम मेयर पद के चुनाव को लेकर कमर कस रहा है। एक तरफ प्रशासन तंत्र मतदान प्रक्रिया की तैयारी को अंतिम रूप दे रहा है तो दूसरी ओर चुनाव प्रचार का तापमान बढ़ गया है। इसकी तपिश का अहसास नगरवासियों को होने लगा है।
पहले तमाम वार्डों से चुनकर आए पार्षद ही मेयर चुन लेते थे। लेकिन इस दफा चुनाव सीधे जनता करेगी.लिहाजा मेयर पद के प्रत्याशियों को नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्डों में प्रचार करना पड़ रहा है. हर दरवाजे पर दस्तक देनी पड़ रही है। उनके लिए ये नया अनुभव है। आम चुनाव जैसा रोमांच तो है साथ ही थकान भी है. सभी 12 प्रत्याशी दम खम के साथ जोर आजमाइश कर रहे। अब जबकि प्रचार के लिए गिनती के दिन रह गए हैं, जीत के दावे भी हो रहे.
दरभंगा का मेयर पद अनारक्षित महिला के लिए है. लिहाजा छुई मुई सी रहने वाली घरेलू महिला से लेकर सार्वजनिक जीवन में दखल देने वाली उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। पसीना बहा रही मेयर प्रत्याशी अंजनी देवी – आप करें हम पर विश्वास, नगर में होगा चहुंमुखी विकास – के नारे के आसरे वोटर्स को रिझाने में लगी हैं. साफगोई से कहती हैं कि नागरिक भाव को आकर्षित करने में कामयाब हुई हैं। अंजनी का कहना है कि दरभंगा में एम्स का निर्माण हो रहा है. वे कहती हैं कि नगर के विस्तार और एयरपोर्ट सिटी बन जाने के बाद से नागरिकों की सिविक एमेनिटीज से जुड़ी अपेक्षाएं काफी बढ़ गई हैं.आधुनिक नगरीय जीवन की सुविधा देने की जिम्मेदारी का भार उठाने की मनोदशा उनमें दृढ़ हो रही है.’
अंजनी दो बार वार्ड 26 से पार्षद रही हैं. साल 2002 से 2012 तक। सार्वजनिक जीवन और जन सेवा की पारिवारिक विरासत का संबल है। इनके पति एमएलसी हैं। अंजनी देवी फिलहाल पूसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की सदस्य हैं।अंजनी दावा करती हैं कि लोगों से मिल रहे समर्थन के बूते उनकी अपेक्षाओं पर खड़े उतरेंगे. चुनाव में चुनौती के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका मुकाबला अंजुम आरा से ही है.
मेयर पद की रेस में अंजुम आरा भी मजबूती के साथ डटी हैं. अंजनी देवी की तरह अंजुम आरा को भी वार्ड 24 का बतौर पार्षद दो बार प्रतिनिधित्व करने का अनुभव है। साल 2007 से साल 2017 तक। इनके पति सिवगतुल्लाह खान अभी मदरसा हमीदिया संचालन समिति के सचिव हैं. साथ ही दो बार वार्ड पार्षद रह चुके हैं. चुनाव प्रचार के बीच अंजुम आरा ने कहा – संतोष की बात है कि मेरे प्रतिद्वंद्वी मुझे मुकाबले में बता रहे हैं. अंजुम नगरवासी का भरोसा जीतने की जद्दोजहद में हैं. लोगों के आशीर्वाद की कामना कर रही हैं.
दरभंगा के सार्वजनिक जीवन में जाना पहचाना नाम है रीता सिंह का। सोशल एलिट, समाजसेवी और ज्यूडिशियल एक्टिविस्ट की छवि है उनकी। मेयर पद के लिए चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। कई उम्मीदवारों की तरह उन्हें भी बतौर पार्षद काम करने का अनुभव है। साल 2002, 2007 और 2012 में वे वार्ड 48 से पार्षद चुनी गई थीं। उनका कहना है कि जो कुछ हासिल हुआ है वो संघर्ष के बल पर.
उधर मधुबाला सिन्हा भी चुनाव में हैं। पार्षद रही हैं। कोर्ट के निर्देश पर जब नगर निकाय चुनाव स्थगित किए गए तो वे दरभंगा के अलावा पटने में धरना पर बैठ गई।.उनके पति नवीन सिन्हा दरभंगा के वरीय पत्रकार हैं. लेकिन मधुबाला सिन्हा के कारण तमाम प्रत्याशियों में कशमकश बढ़ गई हैं,
असल में नगर निकाय के चुनाव गैर दलीय होते हैं.लेकिन सीपीआई ने बजाब्ता प्रेस रिलीज जारी कर मेयर प्रत्याशी मधुबाला सिन्हा को पार्टी के समर्थन का ऐलान कर दिया है.अन्य मुख्य धारा के राजनीतिक दलों ने अब तक चुप्पी बनाए रखी है.कई प्रत्याशी ऑफ द रिकॉर्ड बताती हैं कि इस ऐलान से पंडोरा बॉक्स खुल जाएगा। अभी तक जो गोलबंदी नगरीय समस्या और छुप छुपाकर समाज की गोलबंदी तक सीमित थी उसमें राजनीतिक दखल का आयाम जुड़ जाएगा. सुंदर और विकसित दरभंगा के सपने दिखाने वाली उम्मीदवार चिंता जताती हैं कि इससे चुनाव प्रचार अभियान में हलचल सी मच गई है. आपको बता दें कि निज तौर पर अंजनी देवी का जुड़ाव बीजेपी, अंजुम आरा का आरजेडी और रीता सिंह का रुझान कांग्रेस की तरफ है.
दिलचस्प है कि इंडिया का पहला नगर निगम 1688 में चेन्नई (मद्रास) में अस्तित्व में आया. बिहार में पटना के बाद दूसरा सबसे पुराना नगर निगम दरभंगा में बना। इसका गठन चालीस साल पहले 23 अगस्त 1982 को हुआ. फिलहाल यहां 48 वार्ड हैं.नगर निगम क्षेत्र 19.18 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. दरभंगा नगर निगम क्षेत्र के 48 वार्ड में 2 लाख 66 हजार वोटर हैं. धर्मशिला गुप्ता, मीनू झा, निर्माता नायक, सीमा महासेठ भी भाग्य आजमा रही हैं।जो भी हो वोटर्स को होम मेकर्स का रन में उतरना सुखद लग रहा है। इन्हीं में से एक नगर प्रबंधन का गंभीर काम करती दिखेंगी.
संजय मिश्र,दरभंगा