सिनेमा से लेकर क्राफ्ट व व्यंजनों का पंजाबी तड़का
दर्शकों की कमी खल रही है रीजनल फिल्म फेस्टिवल में
निर्देशक रमा माहेश्वरी की फिल्म ‘नानक नाम जहाज है की प्रस्तुति
अनुराग सिंह निर्देशित फिल्म ‘पंजाब 1984’ दिखाई गई
निर्देशक गुरविंदर सिंह ‘अन्हे घोड़े दा दान’ की प्रस्तुति
राजधानी पटना के रवींद्र भवन में आयोजित रीजनल फिल्म फेस्टिवल 2016 के दूसरा दिन पंजाबी रंग में डूबा रहा है. . बिहार राज्य फिल्म डेवलपमेंट वित्त निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित इस फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन की शुरूआत निर्देशक रमा माहेश्वरी की फिल्म ‘नानक नाम जहाज है’ से शुरू हुई. इसके बाद भाग मिल्खा भाग फेम अभिनेता पवन मल्होत्रा स्टारर और अनुराग सिंह निर्देशित फिल्म ‘पंजाब 1984’ का दिखाई गई. वहीं, दूसरे दिन का समापन निर्देशक गुरविंदर सिंह ‘अन्हे घोड़े दा दान’ के साथ हुआ. तीनों ही फिल्मों को दर्शकों ने सराहा. इस दौरान बिहार राज्य फिल्म डेवलपमेंट वित्त निगम लिमिटेड के एमडी गंगा कुमार, अभिनेता पवन मल्होत्र, विनीत कुमार, मेजर मंजीत सरला, रमण सिंह और मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा आदि लोग उपस्थित रहे.
इससे पहले अभिनेता पवन मल्होत्रा ने रवींद्र भवन परिसर में पटना के दर्शकों के साथ भांगड़ा नृत्य के साथ अनोखा समां बांध दिया. बाद में अतिथियों के साथ बातचीत में अभिनेता पवन मल्होत्रा ने रीजनल फिल्म फेस्टिवल के अायोजकों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मैं ये सोच नहीं सकता था कि ऐसे फिल्म फेस्टिवल में भाग लेने का मौका मिलेगा, जहां न सिर्फ क्षेत्रीय फिल्में प्रदर्शित होंगी बल्कि फूड स्टॉलस, हैंडी क्राफ्टस के साथ बेहतरीन महौल भी बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि ये जो मैराथन शुरूआत हुई है, वो आगे भी चलता रहे. पंजाबी फिल्मों पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि पंजाबी फिल्मों का चलन अब बढ़ है. दर्शक भी मिल रहे हैं. आज हिंदी इंडस्ट्री में भी पंजाबी लोगों की भागीदारी बहुत है, चाहे वो स्क्रीन के पीछे हो या स्क्रीन के आगे. हिंदी फिल्मों में पंजाबी डासलॉग और गाने भी पसंद किए जाते हैं.
अभिनेता पवन मल्होत्रा ने फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई उनकी फिल्म ‘पंजाब 1984’ के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि ये फिल्म पूरी तरह से मांता ओं को समर्पित है. आज भी कई मां है, जिन्हें अपने बेटे के घर लौटने का इंतजार होता है. कलाकारों और कला पर बातचीत के दौरान मल्होत्रा ने असफल होना कलाकारों का हक है, जो उसे और अच्छा करने के लिए प्रेरित करता है. जो काम करेगा, वो गलती करेगा ही. उन्होंने पंजाबी फिल्मों में अपने करियर पर बात करते हुए कहा कि मैं ढाई साल पहले इस इंडस्ट्री में आया. मैं हर किरदार को ईमानदारी से निभाने की कोशिश करता हूं. सेट पर घर से सोचकर कुछ नहीं जाता. कहानी और स्क्रीप्ट के हिसाब से अभिनय करने का प्रयास रहता है. परिचर्चा के अतं में विनीत कुमार ने पवन मल्होत्रा को सॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया.
17 नवंबर 2016 का कार्यक्रम (राजस्थानी थीम)
भोभर (2012) : 10:30 AM
हाट, द विकली बाजार (2011) : 12:15 PM
बाई चली सासरिये : 05:10 PM
मुख्य अतिथि
सीमा कपूर (निर्देशक)
गजेंद्र क्षोत्रिय (निर्देशक)
रामकुमार सिंह(पटकथा लेखक)