बैंकिंग सेवाओं में पारदर्शिता लाना और इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना लक्ष्य
ग्राहकों की समस्या का होगा समाधान
DBUs से वित्तीय साक्षरता को मिलेगा बढ़ावा
बैंकिंग सुविधाओं को देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स को लांच किया. डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स लॉन्च करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प बैंकिंग सेवाओं में पारदर्शिता लाना और इसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है. आज प्रति एक लाख वयस्क आबादी पर बैंक की शाखाओं की संख्या भारत में जर्मनी, चीन और साउथ अफ्रीका से अधिक हो गई हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स आम लोगों की जिंदगी को आसान बनाएंगी. यह खास तरह की बैंकिग सुविधा कम से कम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाएगी.
डीबीयू की स्थापना करने के पीछे सरकार का लक्ष्य देश के कोने-कोने में डिजिटल बैंकिंग के लाभ को पहुंचाना है. इस योजना में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा. सरकार के इस प्रयास में 11 सरकारी बैंक, 12 निजी बैंक और एक स्माल फाइनेंस बैंक भाग ले रहे हैं.
प्रधानमंत्री ऑफिस की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स के आउटलेट्स में लोग बचत खाता खोलने, अकाउंट बैलेंस चेक करने, पासबुक प्रिंट करने, फंड ट्रांसफर, एफडी खुलवाना, लोन के लिए आवेदन, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लिए आवदेन, बिल का भुगतान और नामांकन जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. पीएमओ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि डीबीयू ग्राहकों को बेहद किफायती कीमत पर डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराएंगे. इसके साथ-साथ यह वित्तीय साक्षरता का भी प्रसार करेंगे और लोगों के बीच साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाएंगे.
डीबीयू में ग्राहकों की समस्या का त्वरित समाधान करने की व्यवस्था होगी. इसे डीबीयू की ओर से सीधे या फिर बिजनेस सेवाप्रदाताओं के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा. डीबीयू में ग्राहकों को कोई नुकसान ना हो और ऑनलाइन ही सभी सेवाओं का लाभ आसानी से मिले, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. डीबीयू का अधिक फोकस डिजिटल बैंकिंग पर होगा.
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