सीएम नीतीश हो गए फेल अब कब होंगे पास!

राजधानी को नहीं बना पाए अपने मन मुताबिक़

उनकी घोषणाओं को अमली जामा नहीं पहना सके सीएम




मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले सत्रह साल के शासन में पटना को लेकर कई घोषणाएं की. सीएम के तौर पर पटनावासियों ने हर बार उनपर ऐतबार भी किया. लेकिन अफसोस कि उनके वादे सत्रह साल बाद भी अधूरे हैं. राजवंशी नगर निवासी हरीश कहते हैं कि राजधानी को प्रदूषण मुक्त बनाने के तमाम प्रयास फेल हैं. प्रमुख स्लम बस्तियों में सरकार ने घोषणा की थी कि जल्द ही बहुमंजिले भवन का निर्माण किया जाएगा उसका भी काम नहीं हो पाया. नगर निगम का अपनी बिल्डिंग भी नहीं बनी. पुनाइचक के रमेश साह ने कहा कि किसी भी निगम क्षेत्र में 100 प्रतिशत वाटर सप्लाई भी पूर्ण नहीं हो पाई लिहाजा लोग गन्दा जल पीने को बाध्य हैं. तीन बड़े शॉपिंग मॉल बनाने की योजना फेल है वही सॉलिड वेस्ड मैनेजमेंट के सारे प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं .

रामचक के पास रहने वाले शंभू ने कहा कि कचरा से सीएनजी बनाने की मास्टर योजना फेल है कोई ठोस कार्य नहीं दिख रहा है. वार्डों में जर्जर सड़कों का पूर्ण रीस्टोरेशन नहीं हुआ, साथ ही पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा गया था कि पटना को फाउंटेन सिटी बनाया जाएगा. लोगों को दिवा स्वप्न दिखाया गया पर बनाने का सपना अधूरा ही रह गया है, लोगों को उनके मुहल्ले में मोहल्ला क्लिनिक बनाने की योजना फाइलों में ही दबी पड़ी है, राजधानी के लोगों को स्मार्ट साइकिल योजना और स्मार्ट पार्किंग का प्लान अधूरा है इस पर कोई काम शुरू भी नहीं हुआ है.

बता दें कि दो करोड़ से अधिक की 13 योजनाएं पेंडिंग हैं. मंदिरी नाला को छोड़ 8 बड़े नालों का जीर्णोद्धार का काम नहीं शुरू नहीं हो पाया. राजघाट से दीदारगंज तक रिवर फ्रंट का काम फाइलों में ही अटका पड़ा है, गंगा किनारे हरित पट्टी बनाने की योजना का क्या हुआ. जलजमाव की 128 योजनाएं नहीं पूरी हो सकी. पैदल चलने वालों को सीएम ने बढ़िया फुटपाथ देने का वादा किया था जो आज तक पूरा नहीं हो पाया.

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By pnc

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