पटना समेत पूरे बिहार में धड़ल्ले से हो रही पशु-पक्षियों की अवैध खरीद -बिक्री पर सरकार ने सख्ती दिखाई है. आज तेज प्रताप यादव, मंत्री, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन द्वारा दोपहर 12.00 बजे पक्षियों की रिहाई की गई. उन्होंने पटना वन प्रभाग द्वारा की गई छापेमारी के दौरान जब्त किए गए 12 तोते और 8 मुनिया को रिहा कर दिया. यह जब्ती पटना के गांधी सेतु से की गई है.
इसके बाद वे पटना साइंस कॉलेज के प्राणी विभाग में राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र, पटना के निरीक्षण के लिए गए. रास्ते में, उन्होंने बोरिंग कैनाल रोड में पक्षियों और जानवरों से संबंधित ‘द पेट्स ज़ू’ नामक एक पालतू जानवर की दुकान पर औचक निरीक्षण किया, जहाँ 5 तोते जब्त किए गए थे. मंत्री ने वन अधिकारियों को अवैध पक्षी व्यापार की जांच करने और वन्यजीव अधिनियम के प्रावधानों के तहत पक्षियों के लिए काम करने वाले ऐसे प्रतिष्ठानों पर छापेमारी करने के निर्देश दिए.
मंत्री ने राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र, पटना साइंस कॉलेज का दौरा किया. उन्हें एनडीआरसी के अंतरिम निदेशक डॉ. गोपाल शर्मा ने केंद्र के कामकाज के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने प्रयोगशाला में किए जा रहे परीक्षणों में विशेष रुचि ली और वैज्ञानिकों और शोध छात्रों के साथ बातचीत की.
तेजप्रताप यादव ने लॉ कॉलेज घाट का भी दौरा किया और राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र के निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया. मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक ने उन्हें भवन के पास डॉल्फिन के लिए प्रस्तावित बचाव केंद्र की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी.
इस दौरान प्रभात कुमार गुप्ता, मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक, बिहार, अंबरीश मॉल, डीएफओ पटना, राज किशोर, प्राचार्य, पटना साइंस कॉलेज, डॉ. गोपाल शर्मा, अंतरिम निदेशक, राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र, पटना, प्रो. जी.बी.चंद, डॉ. अनुपमा, प्रो. परिमल खान, एनडीआरसी के शोधार्थी और अन्य संबंधित लोग उपस्थित थे.
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