2024 के लिए विपक्षी एकजुटता में जुटे नीतीश
दिल्ली में 5 विपक्षी नेताओं से मिले नीतीश
13 दलों को साथ लाने का टारगेट
मकसद 500 सीटों पर भाजपा से लड़ाई
आज पटना लौटेंगे नीतीश
बिहार में भाजपा को सत्ता से दूर करने के बाद नीतीश कुमार मिशन 2024 की तैयारी में जुट गए हैं. इसी कड़ी में सोमवार को वे 3 दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे. पहले दिन ही उन्होंने विपक्ष के 5 बड़ें नेताओं से मुलाकात की. इनमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी, दिल्ली केसीएम अरविंद केजरीवाल और एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार शामिल हैं.
इसके अलावा ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और ओडिशा के सीएम बीजू जनता दल के नेताओं से भी नीतीश की मुलाकात प्रस्तावित है. राजनीतिक गलियारों में नीतीश के दिल्ली दौरे को विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. बिहार में भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद से ही नीतीश लगातार विपक्षी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिल्ली में मुलाकात की. नीतीश की इस मुलाकात का उद्देश्य वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करना है.दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता संजय झा भी मौजूद रहे. केजरीवाल से पहले नीतीश कुमार ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी.राजा से भी उनके पार्टी कार्यालयों में मुलाकात की थी.
इस मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मेरे घर पधारने के लिए नीतीश जी का बहुत-बहुत शुक्रिया. देश से संबंधित कई गंभीर विषयों – शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑपरेशन लोटस, इन लोगों द्वारा खुलेआम एमएलए की खरीद फरोख्त करके जनता द्वारा चुनी सरकारों को गिराना, भाजपा सरकारों का बढ़ता निरंकुश भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी पर चर्चा हुई.
जदयू नेता सभी विपक्षी दलों को वर्ष 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संयुक्त मुकाबला करने के लिए एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं और उनका विशेष जोर समाजवादी पृष्ठभूमि की पार्टियों को एक साथ लाने पर है. पिछले महीने भाजपा से नाता तोड़ने वाले नीतीश कुमार ने कहा था कि उनका एकमात्र लक्ष्य भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष को एकजुट करना है. नीतीश ऐसे समय दिल्ली के दौरे पर आए हैं, जब कयास लगाए जा रहे हैं कि वर्ष 2024 में होने वाले चुनाव के लिए वह विपक्ष के प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार हो सकते हैं. जनता दल यूनाइटेड के कई नेताओं ने हाल के दिनों में नीतीश को विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त चेहरा बताया है. हालांकि, खुद नीतीश का कहना है कि वह इस दौड़ में शामिल नहीं हैं.
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