भारत पांच बड़ी रोजगार प्रदाता कंपनियों में बनी एक
एसआईएस दस हज़ार करोड़ के सालाना कारोबार, देंगे दस हजार नया रोजगार
ग्रुप की 38वीं वार्षिक सामान्य सभा की में घोषणा
एसआईएस को हाल ही में मिला हाउ ग्रेट प्लेस टू वर्क की मान्यता
बिहार में 10 हजार जगार सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध
10,000 करोड़ की सूचीबद्ध (एनएसई, बीएसई) कंपनी है जो भारत, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और न्यूजीलैंड में कार्यरत
- बिहार के हित में एक शानदार परिणाम
- मुनाफा- 10059.1 करोड़ रुपये के राजस्व और कर के बाद 325.9 करोड़ रुपये के लाभ
- जीएसटी- 897 करोड़
- पीएफ 374 करोड़
- ईएसआई 87 करोड़
जयप्रकाश नारायण का आशीर्वाद ही है जो आज मैं लोगों की सेवा कर रहा हूँ.ईमानदारी और सेवा भावना जेपी ने ही सिखाया हमें. बिहार के युवा आगे बढ़े बिहार उनके साथ खड़ा है :अध्यक्ष, आरके सिन्हा
जब एक व्यक्ति ढाई लाख लोगों को रोजगार दे सकता है तो सरकार तो दस लाख रोजगार दे ही सकती है : एमडी, ऋतुराज सिन्हा
एसआईएस एक 10,000 करोड़ की सूचीबद्ध (एनएसई, बीएसई) कंपनी है जो भारत, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और न्यूजीलैंड में कार्यरत हैं. इसकी स्थापना आरके सिन्हा ने 1974 में बांग्लादेश को स्वतंत्र कराकर लौटे भूतपूर्व सैनिकों को रोजगार प्रदान के लिये पटना, बिहार में की थी. आज कंपनी भारत के शीर्ष पांच निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं में अपना स्थान रखती है जिसमें आज 2,69595 कर्मचारी कार्यरत है. एसआईएस को हाल ही में ग्रेट प्लेस टू वर्क की मान्यता दी गई है एवं शीर्ष दस राष्ट्र निर्माता कंपनी में से एक होने का गौरव प्राप्त हुआ है| एसआईएस देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं में से एक है और सरकार को भविष्य निधि, ईएसआईसी, जीएसटी और आयकर आदि के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है. एसआईएस ग्रुप ने 30 अगस्त 2022 को पटना के होटल मौर्य में 38वीं वार्षिक आम सभा का आयोजन किया. एजीएम की अध्यक्षता समूह के संस्थापक अध्यक्ष एवं राज्यसभा के भूतपूर्व सदस्य रवींद्र किशोर सिन्हा ने की.
एसआईएस ग्रुप ने इस साल कोरोना महामारी के बावजूद 10059.1 करोड़ रुपये के राजस्व और कर के बाद 325.9 करोड़ रुपये के लाभ के साथ एक शानदार परिणाम को घोषित किया है. समूह के अध्यक्ष आर के सिन्हा ने कंपनी के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें इस बात पर गर्व है कि एसआईएस ने पूरे कोरोना काल में भी देश की जी जान लगाकर सेवा की है. 2.50 लाख एसआईएस कर्मचारियों ने पूरे देश में पुलिस और चिकित्सा कर्मचारियों के साथ सैकड़ों अस्पतालों और अन्य परिसरों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम किया. इससे कोरोना के इलाज एवं टीकाकरण को पूरा करने में मदद मिली. एसआईएस समूह के हर कर्मचारी का कंपनी की ओर से कोरोना का पूर्ण टीकाकरण करवाया गया. आरके सिन्हा ने कहा कि कोरोना संकटकाल में भी एसआईएस ने कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान किया है और कोरोना महामारी के दौरान किसी की कोई भी वेतन कटौती या कर्मचारियों की छंटनी नहीं की गई है. उन्होंने अपने ग्राहकों के समर्थन की भी सराहना की, जिसने देश में कोरोना के प्रभाव के बावजूद इस वर्ष के दौरान एसआईएस को यह शानदार परिणाम देने में मदद की.
बिहार में एस.आई.एस की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए आर के सिन्हा ने कहा कि एसआईएस को बिहारी बहुराष्ट्रीय कम्पनी होने पर गर्व है. उन्होंने आगे बताया कि जेपी आंदोलन के दौरान पत्रकार की नौकरी गंवाने के बाद पटना में एक छोटे से गैरेज से सामाजिक सेवा के कार्य की शुरुआत की थी. सिन्हा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा की आज एसआईएस 269595 परिवारों को आजीविका प्रदान करने वाला एक सफल व्यवसाय बन गया है जिसमें 28300 परिवार बिहार से ही हैं. आरके सिन्हा ने बिहार में बेरोजगारी की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एसआईएस आने वाले दो वर्षों में बिहार के युवाओं के लिए10000 अतिरिक्त रोजगार सृजित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रेस और निवेशकों को संबोधित करते हुए एसआईएस के समूह प्रबंध निदेशक ऋतुराज सिन्हा ने विश्वास व्यक्त किया कि एसआईएस समूह इसी तरह ऊंचाइयों की ओर बढ़ता रहेगा और सुरक्षा सेवाओं, सुविधा प्रबंधन और कैश लोजिस्टिक्स के क्षेत्र में एक अग्रणी उद्योग बनेगा और अपने कर्मचारियों और निवेशकों को लाभ का अंश प्रदान करता रहेगा. जैसे अब तक 2500 करोड़ रुपये शेयर धारकों को मिले है.
उन्होंने सुरक्षा उद्योग के विकास में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया एवं एस.आई.एस द्वारा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लगातार निवेश की जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि कम्पनी मुख्यतः सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन में मजबूत और स्थिर विकास के लिए अग्रसर है एवं उनके पास प्रभावी संसाधन, महत्वाकांक्षा और प्रबंधन है. तभी तो कम्पनी एसआईएस भारत के सभी 29 राज्यों के कोने-कोने में सुरक्षा व्यवसाय के क्षेत्र में स्थापित है.
PNDESK