समाज में सबसे वंचित व्यक्ति तक पहुंचने की होती है उम्मीद
वसुधैव कुटुंबकम भारतीय लोकाचार का रहा है हिस्सा
वंचित समाज के लोगों का जीवन स्तर सुधारने में गर्व की अनुभूति होनी चाहिए
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लोक सेवकों को वंचित लोगों तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए. कल्याण योजनाओं को तभी सफल माना जा सकता है, जब उनका लाभ गरीबों और समाज के सबसे निचले तबके के लोगों को मिलता हो. 2020 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के 175 अधिकारियों ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में द्रौपदी मुर्मु से भेंट की.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के इन अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सिविल सेवा अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने इलाके में समाज में सबसे वंचित व्यक्ति तक पहुंचेंगे और उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए काम करेंगे. जिन लोगों को कल्याण योजनाओं या विकास कार्यक्रमों की जानकारी नहीं है, अधिकारी उन्हें इनके बारे में बताकर अवसर उपलब्ध करा सकते हैं.
राष्ट्रपति ने कहा, लोक सेवकों को पूरे उत्साह के साथ अपने क्षेत्र को मानव विकास सूचकांक के मामले में नंबर वन बनाने का प्रयास करना चाहिए. उन्हें वंचित समाज के लोगों का जीवन स्तर सुधारने में गर्व की अनुभूति होनी चाहिए. जिन लोगों की सेवा करना उनकी जिम्मेदारी है, उनके प्रति उन्हें संवेदनशील होना चाहिए. बुनियादी ढांचों में जबर्दस्त सुधार से देश के सुदूर इलाकों तक पहुंचना आसान हो गया है. ऐसे में अधिकारियों को वंचित लोगों तक पहुंचना चाहिए.द्रौपदी मुर्मु ने कहा, ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना भारतीय लोकाचार का हिस्सा रहा है. इसी तरह अखिल भारतीय सेवा से जुड़े अधिकारियों को ‘भारतमेव कुटंुबकम’ की भावना को अपने व्यवहार का हिस्सा बनाना चाहिए.
राष्ट्रपति मुर्मु ने नव नियुक्त अफसरों को याद दिलाया कि किसी भी कल्याणकारी योजनाओं को तभी सफल माना जा सकता है, जब योजनाओं का लाभ समाज के निचले तबके के लोग जैसे गरीबों, दलितों तक उसकी पहुंच हो. उन्होंने कहा कि देश में बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है, जिसके कारण कल्याणकारी योजनाओं को दूरदराज के हिस्सों तक पहुंचाना आसान हो गया है.
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