शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, पीडीएस, महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार पूरी तरह विफल क्यों
राजद व कांग्रेस का कर रहे हैं भयादोहन
500 और 1000 रुपये के नोट के प्रचलन पर रोक का किया स्वागत
जमीन और जेवरों के रूप में जमा कालेधन को लेकर भी कठोर निर्णय ले
जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार अनिश्चय के दौर से गुजर रही है. नीतीश कुमार सहयोगी राजद और कांग्रेस को भय के माहौल में रखना चाहते हैं. इसलिए वे निश्चय यात्रा पर निकले हैं. इसके साथ ही सांसद ने 500 और 1000 रुपये के नोट के प्रचलन पर रोक के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश की निश्चय यात्रा शुद्ध रूप से राजनीतिक यात्रा है और इसका मकसद अपनी कुर्सी को सुरक्षित रखना है. ‘सात निश्चय’ जनता के साथ छलावा है और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है. उन्होंने सरकार से पूछा कि विकास के दावों के बीच आखिर शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, पीडीएस, महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार पूरी तरह विफल क्यों साबित हो रही है? व्यवस्था बदहाल क्यों हो गयी है? सांसद ने कहा कि राज्य की 70 फीसदी सिंचाई योग्य जमीन असिंचित है. उसके लिए सात निश्चय में कोई व्यवस्था नहीं है. स्कूल-कॉलेजों में छात्र और शिक्षकों का अनुपात बहुत खराब है. अधिकतर पंचातयों में उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सात निश्चय में गरीबी उन्मूलन की कोई योजना नहीं है. पलायन रोकने को लेकर कोई रणनीति नहीं है. सरकार हर मोर्चे पर अनिश्चय के दौर से गुजर रही है. उन्होंने कहा कि अपने अनिश्चय और अंतर्विरोध में सरकार उलझ कर रह जाएगी और जनता बदहाल होती रहेगी.
वहीँ सांसद ने 500 और 1000 रुपये के नोट के प्रचलन पर रोक के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम साहसिक है और जन अधिकार पार्टी (लो) इसका स्वागत करती है. इससे आंतकी गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिल सकती है, लेकिन किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं की जा सकती है. सरकार के इस निर्णय से मध्यम वर्ग को ज्यादा परेशानी होगी. फिर भी यह कदम स्वागतयोग्य है. उन्होंने सरकार से मांग की कि जमीन और जेवरों के रूप में जमा कालेधन को लेकर भी कठोर निर्णय ले और इसके संबंध में अपनी रणनीति का खुलासा करे.
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