संसद में दी गई जानकारी ,107 गुना बढ़ गये 2000 के नकली नोट
2019 और 2020 के बीच, 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों में 170 प्रतिशत की वृद्धि
नोटबंदी के बाद भी जाली नोटों का बाजार लगातार बढ़ रहा है. साल 2016 से 2020 के बीच 2,000 रुपये के नकली नोटों की संख्या में 107 गुना की भारी वृद्धि हुई है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि वर्ष 2016 में 2,000 रुपये के 2272 नोट जब्त किए गए थे, जबकि 2020 में 2,44,834 नोट जब्त किए गए. साल 2018 को छोड़कर हर वर्ष यह आंकड़ा बढ़ा है. वर्ष 2019 और 2020 के बीच, 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नकली नोटों में 170 प्रतिशत की वृद्धि हुई. बैंकिंग प्रणाली में नकली नोटों का पता लगाने की संख्या में कमी आई है.
वित्त राज्य मंत्री ने कहा, ‘बैंकिंग प्रणाली में पाए गए ऐसे नोटों की संख्या 2018-19 से 2020-21 के दौरान कम हुई. साल 2021-22 में यह संख्या 13,604 थी, जो 2,000 के बैंक नोटों की कुल सर्कुलेशन संख्या का 0.000635 प्रतिशत है.’ मंत्री ने कहा कि नकली करेंसी नोटों का प्रचलन रोकने के लिए सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 लागू किया है, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का गठन किया और राज्यों तथा केंद्र की एजेंसियों के बीच खुफिया जानकारियां साझा करने के लिए एफआईसीएन कोऑर्डिनेशन ग्रुप (एफकोर्ड) गठित किया है. टेरर फंडिंग और नकली करेंसी मामलों की जांच के लिए एनआईए में एक विशेष सेल भी बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच एक संयुक्त कार्य बल नकली करेंसी के तस्करों की जानकारी और विश्लेषण के आदान-प्रदान के लिए काम कर रहा है. चौधरी ने लोकसभा को बताया कि नकली नोटों की तस्करी रोकने के लिए बांग्लादेश के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
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