शिक्षकों के बकाए वेतन को लेकर सरकार सख्त, 26 जुलाई तक सभी डीपीओ से मांगा प्रमाण पत्र

पटना हाईकोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और डीपीओ स्थापना को किसी भी हालत में शिक्षकों के तमाम बकाया का भुगतान 15 दिनों के भीतर करने का आदेश दिया है और इस बाबत 26 जुलाई तक उन्हें प्रमाण पत्र देने को कहा है कि उनके जिले में किसी भी शिक्षक का वेतन बकाया नहीं है.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारी और कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पटना हाईकोर्ट के आदेश को लेकर इस मामले में पूरी सतर्कता बरतते हुए शिक्षकों के तमाम लंबित वेतन के मामले को 15 दिन के भीतर निपटाने का आदेश दिया है और साथ ही उनसे इस बात का प्रमाण पत्र भी मांगा है कि वे 26 जुलाई तक प्रमाण पत्र दें कि उनके जिले में किसी भी शिक्षक का कोई बकाया वेतन नहीं है. दरअसल वेतन भुगतान को लेकर आज पटना हाई कोर्ट में सुनवाई थी जिसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह भी पेश हुए. हाईकोर्ट ने तमाम शिक्षकों के लंबित बकाए वेतन का भुगतान अतिशीघ्र करने का आदेश दिया है. इस बारे में शिक्षा विभाग के हलफनामा दाखिल करने के साथ ही कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव और अन्य जिला शिक्षा अधिकारियों के वेतन पर लगी रोक हटा लिया है.




क्या है शिक्षा के अपर मुख्य सचिव का आदेश

उच्च न्यायालय, पटना द्वारा पारित CWJC No 7648/2020 में दिनांक 22.06.2022 को पारित अंतरिम आदेश के अनुपालन में शिक्षकों के कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाय. विदित हो कि किसी भी कर्मी से कार्य लेने पर उसका वेतन भुगतान आवंटन के अभाव के अतिरिक्त किसी भी परिस्थिति में नहीं रोका जा सकता है। इस क्रम में निम्नांकित निर्देशों का अनुपालन किया जाना अनिवार्य है.

  1. जिलान्तर्गत शिक्षकों के वेतन भुगतान अथवा सेवा संबंधी मामले के निष्पादन हेतु जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) नोडल पदाधिकारी होंगे। नोडल पदाधिकारी का यह दायित्व होगा कि जिला में कैम्प के लिए निर्धारित तिथि (प्रत्येक माह के प्रथम शनिवार) के अतिरिक्त भी किसी शिक्षक के वेतन भुगतान से संबंधित मामला प्रकाश में आता है तो त्वरित संज्ञान लेते हुए निष्पादित किया जाएगा.
  2. कतिपय ऐसे मामले संज्ञान में आ रहे हैं कि शिक्षकों को प्राधिकार / माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के बावजूद विद्यालय में प्रवेश अथवा उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर दर्ज करने पर रोक लगायी जा रही है। इस संबंध में यह आवश्यक होगा कि जब तक प्राधिकार / माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध सक्षम स्तर से Stay / modification प्राप्त नहीं हो तब तक किसी भी स्थिति में शिक्षकों को उपस्थिति बनाने अथवा कार्य करने से नहीं रोका जाय.
  3. इसके अलावा भी बिना कोई नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई / निलम्बन / अन्य विधि सम्मत लिखित आदेश के किसी भी शिक्षक को मौखिक आदेश के आधार पर विद्यालय में प्रवेश अथवा उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर दर्ज करने से नहीं रोका जा सकता है। यह अवैधानिक होगा.
  4. नोडल पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जिलान्तर्गत शिक्षकों के वेतन भुगतान के लम्बित मामले का निष्पादन विभागीय पत्रांक 734 दिनांक 08.07.2022 के आलोक में 15 दिनों के अन्दर किया जाय एवं उनके जिले में शिक्षकों के कार्यरत अवधि के वेतन भुगतान का कोई मामला लंबित नहीं है, इस आशय का प्रमाणपत्र विभाग को दिनांक 26.07.2022 तक निश्चित रूप से उपलब्ध कराएंगे। इसी आधार पर उपरोक्त रिट याचिका में अगली तिथि से पूर्व प्रमाण पत्र दाखिल किया जाना है.

अपर मुख्य सचिव के इस आदेश शेर ना सिर्फ पुराने शिक्षकों की उम्मीद जगी है जिनका वर्षों से वेतन भुगतान लंबित है बल्कि नवनियुक्त शिक्षकों के लिए भी उम्मीद बढ़ गई है कि जल्द से जल्द उनका भी वेतन का भुगतान हो जाएगा. ने 1 दिन पहले ही इस मामले में खबर प्रकाशित की थी कि नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन कई जिलों में भुगतान नहीं हुआ है जबकि उन्हें काम करते हुए 4 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है.

pncb

By dnv md

Related Post