बाल विकास परियोजना 145 पदाधिकारियों के तबादले में कई अनियमितताएं

By pnc Jul 9, 2022




तबादले में नहीं रखा गया उम्र और स्वास्थ्य का ख्याल

समाज कल्याण विभाग ने किया है 145 अधिकारियों का तबादला

कई अधिकारी है मेडिकल के सहारे

महिला अधिकारियों का भी घर से दूर किया गया है तबादला

बिहार समाज कल्याण विभाग की ओर से राज्य में पदस्थापित बाल विकास परियोजन पदाधिकारियों का तीन वर्ष पूरा करने के बाद 145 अधिकारियों का तबादला किये जाने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.विभाग ने इन तबादलों में बिना किसी नियम कानून के पालन करते ऐसे पदाधिकारियों का भी तबादला कर दिया है जो स्वास्थ्य कारणों से भी फीट नहीं है ,कई महिला पदाधिकारी कैंसर से स्टेज 2 के ग्रसित है उनका भी तबादला कर दिया है कई ऐसी महिला अधिकारी जो अन्य बीमारियों से जूझते हुए अपने कार्य का निष्पादन करती रही है ,कई ऐसे अधिकारी है जो अब एक दो वर्षों में रिटायर करने वाले वाले है उनका भी गृह जिले से तबादला कर दिया है.

संघ के सदस्यों ने बताया है कि सरकार ने बिना अधिकारियों की सही स्थिति का आंकलन किये बिना तबादला कर दिया है जो अधिकारियों के साथ मनमाना व्यवहार के साथ एक क्रूरता पूर्ण कार्रवाई है . सदस्यों ने बाताया कि  विधवा पदाधिकारी तथा उम्र दराज को इस कोने से दूसरे कोने पर भेज दिया गया है . कही पोस्टिंग कर दी गयी परन्तु, जहाँ पोस्टिंग की गई वहां के पदाधिकारी को स्थानांतरित नही किया गया, जिनका रिटायरमेंट एक वर्ष के भीतर होना है, उन्हें भी जान बूझ कर दूर भेज दिया गया है. किसी किसी जिला में 70 प्रतिशत योजनाएं खाली है परंतु वहां न भेज कर उनके घर से दूर भेजा गया,

 जिन सीडीपीओ  की उम्र 50 से ज्यादा है, उन्हें परेशान करते हुए ज्यादा दूर भेजा गया तब भी बहुत लोगों ने शायद उनकी मनसा नहीं समझ पाए, जिसका खमियाजा स्थानांतरण सूची में दिखा.  कैंसर पीड़ित 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की पदाधिकारी को भी नही बख्सा उसे सुदूर परियोजना में भेजा. कुछ को उसी जिले में बगल की परियोजना में कर दिया, जो कि नियम विरुद्ध है। आज भी विभाग में कई पीड़ित पदाधिकारी अपनी व्यथा लिए मारे मारे विभाग में फिर रही है.

संघ ने कहा है कि सरकार कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखते हुए तबादला करना चाहिए जिससे उनके कर्मचारियों को दिककातों का सामना ना करना पड़े. उपरोक्त अनियमितताओं का प्रभाव पदाधिकारियों के कार्य पर प्रतिकूल असर डालेगा। एक महिला किसी परिवार की धुरी होती है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य परिवार तथा कार्य क्षेत्र में दिखता है .संघ ने मांग की है कि तबादले पर सरकार पुर्नविचार कर फिर से तबादला किया जाए जिसमे महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए.

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