राज्य में 320 करोड़ रुपए का निवेश डूबा
5000 से ज्यादा लोग हुए बेरोजगार
एक फैसले ने बिहार को बड़ा झटका दिया है. पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर एक जुलाई से प्रतिबंध लग चुका है. इस सेक्टर में उत्पादन और बिक्री का काम भी ठप हो गया है. इस फैसले के बाद राज्य में करीब 100 कटलरी यूनिटों की मशीनें अब बंद हो गई हैं. 5000 से ज्यादा श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं. इस सेक्टर के व्यवसायियों की करीब 320 करोड़ रुपये की पूंजी अब फंस गयी है.
ये यूनिटें प्लास्टिक कप, ग्लास, थाली, चम्मच सहित अन्य कटलरी प्रोडक्टस बनाती थी. ये यूनिटें अब बंद हो चुकी हैं. इनमें से चार- पांच यूनिटों के पास पेपर कप, पेपर प्लेट, पैकेजिंग की मशीनें भी हैं. वे काम कर रही हैं. कटलरी उत्पाद बनाने वाली राज्य में करीब 100 यूनिटें हैं. इनमें 28 बड़ी यूनिटें हैं. दो थर्मोकोल की यूनिटें भी हैं. इनमें एक पटना और दूसरी पूर्णिया में है. सिर्फ कटलरी की 28 बड़ी यूनिटों में 250 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. अन्य छोटी यूनिटों में भी लगभग 70 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इस तरह से कटलरी सेक्टर में लगभग 320 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है.
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगने से 100 यूनिटें तो बंद हुई ही हैं, लगभग 5000 श्रमिक भी बेरोजगार हो गये हैं. इनमें लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हैं जो कम पढी लिखी हैं. इसलिए दूसरी जगह नौकरी मिलने में भी मुश्किल होगी. अब इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा. 230 करोड़ रुपये के निवेश में 70 प्रतिशत बैंक का पैसा है. व्यवसायियों का कहना है कि उत्पादन बंद होने से अब बैंक का कर्ज चुकाना मुश्किल होगा. लोन का एनपीए होना तय है. यूनिटें आगे नीलाम हो जाएंगी.
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