गांधी सेतु की बदल जाएगी तस्वीर, अर्से बाद दोनों लेन पर होगा परिचालन

पटना वासियों के लिए 7 जून 2022 एक ऐतिहासिक दिन साबित होने वाला है. पिछले करीब 20 वर्षो में शायद ही कभी कोई ऐसा दिन आया होगा, जब महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन पूरी तरह चालू हालत में रहे. नतीजा यह रहा कि पिछले 20 साल से पटना से उत्तर बिहार और हाजीपुर से पटना की ओर जाने वाले यात्रियों की जबरदस्त फजीहत होती रही है.

पूर्वी लेन का नवनिर्मित स्टील स्ट्रक्चर

7 जून को गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन होगा और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों के लिए गांधी सेतु के दोनों लेन पर लोग सामान्य रूप से यात्रा कर पाएंगे. अगर ऐसा संभव हुआ तो दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार के लोगों के लिए यह सबसे बड़ी राहत की बात होगी. गांधी सेतु के अलावा कुल 10651 करोड़ की बिहार की अन्य सड़क और पुल प्रोजेक्ट का उद्घाटन/शिलान्यास भी केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे.




नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री

बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि 7 जून को सुबह करीब 11:30 बजे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन करेंगे.

महात्मा गांधी सेतु की लंबाई लगभग 5.50 किलोमीटर की है. कंक्रीट का बना होने के कारण अक्सर इस पुल में दरार होने या टूटने की शिकायत रहती थी और इस वजह से ज्यादातर समय एक लेन में ही वाहनों का परिचालन होता था, जिससे हाजीपुर और पटना आने जाने वाले लोगों को कई घंटे का समय इस पुल को पार करने में लगता था. लेकिन दोनों लेन शुरू होने पर महज 15 से 20 मिनट का समय ही लगेगा. एनएच 19 पर बने इस ऐतिहासिक पुल के सुपर स्ट्रक्चर को अब पूरी तरह स्टील का बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक नया पुल पहले पुल की अपेक्षा 30000 टन हल्का है. नया पुल भारी वाहनों के परिचालन पर भी जल्दी खराब नहीं होगा.

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ये भी जानिए

गांधी सेतु के नवनिर्माण में 1742 करोड़ रुपए का खर्च आया है. सुपर स्ट्रक्चर को बदलने में 66360 मेट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. इस पुल को बनाने में 28000 मेट्रिक टन सीमेंट और 136000 मेट्रिक टन बालू का उपयोग किया गया है. गांधी सेतु में 2500000 नट बोल्ट का भी इस्तेमाल हुआ है. स्कूल का पुनर्निर्माण 19 नवंबर 2016 को शुरू हुआ था और लगभग 6 साल बाद 16 मई 2022 को निर्माण कार्य पूरा हुआ.

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कुछ और पीछे चलें तो गंगा नदी पर पटना में इस पहले पुल की स्वीकृति 1969 में दी गई थी. 1972 से 1982 तक पुल का निर्माण कार्य चला था. वर्ष 1983 में इंदिरा गांधी ने महात्मा गांधी सेतु का उद्घाटन किया था. इस पुल में कुल 46 पाए हैं. इस पुल पर हर दिन लगभग 40000 से ज्यादा वाहन गुजरते हैं. दोनों लेन शुरू होने के बाद इस पुल पर वाहनों का दबाव और बढ़ने की उम्मीद है. पुल के उद्घाटन के बावजूद इस बात का इंतजार लोगों को रहेगा कि कब दोनों तरफ के साइड लेन बनकर तैयार होंगे जिन से पैदल और साइकिल से जाने वाले यात्रियों को पुल पार करने में सुविधा होगी.

Pncb

By dnv md

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