बिहार के सभी तेरह विश्वविद्यालयों में काम कर रहे शिक्षक और रिटायर्ड शिक्षक कर्मियों को पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला है वेतन-पेंशन नहीं मिलने की वजह से जाहिर तौर पर हजारों शिक्षक और शिक्षकेतरकर्मी और सेवानिवृत्त शिक्षक-कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है.
इन विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और सेवानिवृत्त शिक्षकों की दयनीय हालत का जिम्मेदार शिक्षा विभाग को माना जा रहा है. हालांकि उच्च शिक्षा निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग की ओर से वेतन और पेंशन की स्वीकृति के साथ आवंटन भी तैयार है. लेकिन विश्वविद्यालयों की वजह से ही शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों को वेतन पेंशन मिलने में परेशानी हो रही है. उच्च शिक्षा निदेशालय के मुताबिक विश्वविद्यालयों ने ₹4000 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया. लगभग ₹1000 करोड़ का हिसाब मिल गया है लेकिन अब भी ₹3000 खर्च का हिसाब विश्वविद्यालयों ने नहीं दिया है.
इस बारे में वित्त विभाग का सख्त नियम है कि 18 माह पहले तक मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जब तक जमा नहीं होगा तब तक अगली राशि ट्रेजरी से जारी नहीं हो सकती है और यही वजह है की वेतन की राशि रिलीज नहीं हो रही है. पटना नाउ को मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को तीन-चार महीने के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने और इस दौरान वेतन की राशि जमा जारी करने की छूट का प्रस्ताव भेजा है. अगर वित्त विभाग से हरी झंडी मिलती है तब शिक्षकों और सेवानिवृत्त कर्मियों को वेतन मिल सकेगा.
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