आरा ,बहियारा में आद्या ऑर्गेनिक के किसानों के लिए आठ दिवसीय प्रशिक्षण शिविर
कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप और पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने किया उद्घाटन
जैविक कृषि वैज्ञानिक आकाश चौरसिया ने किसानों को दिए सैद्धांतिक एवं प्रैक्टिकल प्रशिक्षण
जैविक खेती को अपनाने और अपनी आय बढ़ाने के लिए ही ऐसे प्रशिक्षण शिविर
भोजपुर और शाहाबाद जनपद में छोटे किसानों की आय में कई गुना वृद्धि करने और पूर्णतः जैविक तरीके से कंद एवं सब्जियों की खेती कर विषमुक्त आहार अभियान की शुरुआत करने को लेकर देश और दुनिया की प्रतिष्ठित कंपनी आद्या मिल्क एंड ऑर्गेनिक प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड के बैनरतले कोइलवर प्रखण्ड के बहियारा गांव में आठ दिवसीय प्रैक्टिकल आवासीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह एवं पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया.
प्रैक्टिकल आवासीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन के बाद चर्चित जैविक कृषि वैज्ञानिक एवं मल्टीलेयर फार्मिंग के जनक कहे जाने वाले आकाश चौरसिया ने मल्टीलेयर फार्मिंग के तरीके और उससे होने वाली किसानों की भारी आय के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी.
प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आजादी के बाद जिन लोगो के हाथ मे सत्ता की बागडोर मिली उनलोगों ने प्राचीन कृषि पद्धति के प्रचलन को भुला दिया और खान पान के पुराने तरीको में बड़ा बदलाव ला दिया. परिणाम हुआ कि देश मे जैविक कृषि का प्रचलन धीरे धीरे खत्म होता गया और रसायन युक्त खेती को बढ़ावा दिया गया.देश मे बीमार और बीमारियों की भरमार होने लगी और अस्पतालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी.यूरिया ने देश की जनता को बीमारियों के केंद्र में ला दिया वहीं मीट्टी की उर्वरकता को बर्बाद करके रख दिया.
उन्होंने पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा के उन प्रयासों की सराहना की और कहा कि उनके द्वारा देशी गायों के गौशाला के माध्यम से आज देश के विभिन्न क्षेत्रों में जैविक और मल्टीलेयर कृषि की शुरुआत की. उन्होंने ने प्राचीन कृषि पद्धति को न सिर्फ अपनाया है बल्कि आज हजारों लाखों किसानों को प्रशिक्षित कराकर जैविक कृषि और मल्टीलेयर कृषि की तरफ आगे लाने में भी जुटे हुए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि आरके सिन्हा जी ने जो अभियान शुरू किया है वह आने वाले दिनों में स्वस्थ भारत की बुनियाद खड़ी करेगा.
इस प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने कहा कि जैविक कृषि में जीवामृत की अपेक्षा गौकृपामृत का उपयोग फसलों के उत्पादन को कई गुना अधिक लाभ पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि जैविक और मल्टीलेयर कृषि से किसानों की आय में कई गुना वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि गौमूत्र और गोबर जैविक कृषि का आधार है और इससे खेती की उर्वरता तो बढ़ेगी ही साथ ही मिट्टी के जीवाणु भी सुरक्षित रहेंगे. जैविक खेती से उत्पादित फसलों से ही देश मे कृषि क्रांति आएगी और प्राचीन कृषि पद्धति से ही देश स्वस्थ एवं समृद्ध देश बनेगा. देश मे किसानों को रसायन युक्त खेती को छोड़ने और जैविक खेती को अपनाने और अपनी आय बढ़ाने के लिए ही ऐसे प्रशिक्षण शिविर का देश के कई इलाकों में आयोजन किया जा रहा है जिससे किसान भी समृद्धि की राह पर आगे बढ़ेंगे. इस प्रशिक्षण शिविर में कई किसानों के साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी, केवीके के वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. पीके द्विवेदी, आत्मा के राणा प्रताप सिंह,नमामि गंगे और नेहरू युवा केन्द्र के पदाधिकारी अमित कुमार सहित कई लोग शामिल थे.
आरा से ओपी पाण्डेय