दुनिया में सबसे बड़ा बालों का बाजार भारत
2000 करोड़ रुपये के बाल विदेशों में होते हैं निर्यात
20-25 हजार रुपये किलो बिकते हैं आपके झड़े हुए बाल
दुनियाभर में अरबों रुपये का होता है बाल का कारोबार
गुजरात के बाल मजबूत और चमकदार
ये बात बिलकुल सही है कि भारत ही एक दुनिया का गंजापन ढकता आया है .बढ़ती उम्र और शरीर में कुछ हार्मोनल परिवर्तन के चलते लोग गंजेपन का शिकार होते जा रहे हैं. आज कई ऐसी उत्तम तकनीक आ गई है कि लोग अपने झड़ते हुए बालों का वक़्त रहते अगर सही उपचार कर वाले तो न उनके बाल झड़ना बंद हो जाएंगे. लोग अपना गंजापन बिग लगाकर ढकते हैं. जानकर हैरानी होगी भारत दुनिया का गंजापन ढक रहा है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा बालों का बाजार है. सुनने में भले ही अजीब लग रहा हो पर दुनिया के बड़े देश भारत के ग्राहक हैं. विदेशी ग्राहकों के असली बाल बेचने वालों के पास हर तरह की वेरायटी होती है. काले, लाल, सुनहरे, घुंघराले या सीधे बाल. जानकर हैरानी होगी भारत हर साल करीब 2000 करोड़ रूपये के बाल विदेशों में निर्यात करता है. अगर आप सोच रहे हैं कि इतने सारे बाल भारत में कहां आते हैं ?
भारत में तिरुपति बाबाजी मंदिर में हर दिन लाखों दर्शन के लिए जाते हैं. जहां के घाट पर करीब 20,000 लोग प्रतिदिन अपने बाल दान करते हैं. यहां महिलाएं भी अपने लम्बे बाल दान कर देती हैं. जिसकी डिमांड पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है. इन बालों को यहां इकट्ठा किया जाता है फिर इन्हें विक्रेता धुलाई, रंगाई और सुखाई के बाद बालों को अच्छे से सुलझाया जाते है. मशीन और कंघी की मदद से उन्हें संवारकर अलग अलग लंबाई की लटें बनाई जाती है. भारत के इन बालों की मांग अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका,कनाडा और यूरोप जैसे कई देशों में सबसे ज्यादा है.
एक स्टार्टअप से जुड़े महेश ने बताया कि वो मंदिरों में दान किए जाने वाले बालों का कारोबार करते हैं. इससे उन्हें हर साल करोड़ों रुपये की कमाई हो रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि कटे और झड़े हुए बालों से करोड़ों का कारोबार कैसे हो सकता है तो हम आपको बता दें कि दुनियाभर में बालों से अरबों रुपये सालाना का कारोबार होता है.बालों के इस बिजनेस में भारत का भी बड़ा योगदान है. हमारे देश से हर साल लगभग 400 मिलियन डॉलर के बाल सप्लाई होते हैं. साल 2020 में भारत से विदेश भेजे जाने वाले बालों में 39 प्रतिशत का सालाना इजाफा हुआ था. सिर से झड़े बालों की कीमत करोड़ों में है. गावों और शहरों में फेरीवाले घर-घर जाकर बाल इकट्ठा करते हैं.
फेरीवाले बालों की क्वालिटी के हिसाब से दाम लगाते हैं. कुछ लोगों के बालों को 8-10 हजार रुपये किलो में खरीदा जाता है तो कई जगहों से 20-25 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी खरीदे जाते हैं. फेरीवाले लोग बालों को खरीदकर स्थानीय व्यापारियों को बेचते हैं. फिर वे कोलकाता, चेन्नई और आंध्रप्रदेश के व्यापारियों को बेचते हैं. ये जगहें विदेशी व्यापारियों का गढ़ मानी जाती हैं. बहुत बड़ी तादाद में बाल कोलकाता भी जाते हैं और वहां से 90 फीसद बाल चीन भेजे जाते हैं. गुजरात के बालों की मांग ज्यादा है, वहां के बाल मजबूत और चमकदार होते हैं.
‘बालों की क्वालिटी’ इस व्यापार का सबसे अहम पहलू है. बाजार में ‘वर्जिन हेयर’ की मांग सबसे ज्यादा है. ‘वर्जिन हेयर’ ऐसे बालों को कहा जाता है, जिसमें कोई रंग न लगा हो. जिनका कोई ट्रीटमेंट न हुआ हो. भारत से जाने वाले ज्यादातर बाल इसी श्रेणी के होते हैं. ऐसे बालों की सबसे ज्यादा मांग अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और यूरोप में है. बहुत बड़ी तादाद के ‘वर्जिन हेयर’ की मांग भारत के मंदिरों से जाने वाले बाल पूरी करते हैं.
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