लंबे समय के बाद एक बार फिर लालू यादव के लिए मुश्किल फिर बढ़ती नजर आ रही है. एक तरफ चारा घोटाला से जुड़े मामलों में लालू यादव नियमित जमानत पर हैं दूसरी तरफ अब रेल मंत्री रहते हुए उनपर जो आरोप थे, उसकी जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. लेकिन राबड़ी देवी के आवास सहित लालू यादव से जुड़े अन्य स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं है.
ये आरोप लगाया है राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती हुई नज़दीकी भाजपा को असहज कर रही है ! छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है.
शिवानंद तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जातीय जनगणना के विरुद्ध है. जातीय जनगणना से यह सामने आ जाएगा कि किनकी कितनी संख्या है और उसके अनुपात में देश के संसाधनों का कौन कितना उपभोग कर रहा है. यह जानकारी बहुसंख्यक आबादी जो वंचित है उसमें साधनों के बँटवारे की सशक्त और वैध माँग उठ सकती है. अन्यथा इतने पुराने मामले में अब तक नींद में सोई सीबीआई अचानक कैसे जाग गई ! वह भी जब नीतीश कुमार जातीय जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने जा रहे हैं. लेकिन ऐसी कार्रवाई के द्वारा सच को कब तक दबा कर रखा जा सकता है ?
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