सैकड़ों टन सोने के खजाने के ऊपर विराजमान हैं भगवान विष्णु
1 ट्रिलियन डॉलर का खजाना जिसमें सोने चांदी के आभूषण, रत्न और मूर्तियां
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जिस पर सोने की परत चढ़ी हुई है. पद्मनाभस्वामी मंदिर में भगवान विष्णु शेषनाग पर अनंतशायी मुद्रा में लेट हुए हैं, जिनकी नाभि से पद्म यानी कमल का पुष्प निकला हुआ है और इस कमल पर विराजमान हैं सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा जी. यह दिव्य मंदिर भारत के उन गिने-चुने मंदिरों में से एक है जहाँ केवल हिंदू धर्म के लोग ही प्रवेश कर सकते हैं. इस मंदिर का रहस्य और भव्यता हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है. अगर आप अलौकिक शांति का अनुभव करना चाहते हैं तो आपको इस मंदिर की यात्रा अवश्य करना चाहिए.
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास 8 वीं शताब्दी का है. ये मंदिर भारत में 108 पवित्र विष्णु मंदिरों में से एक है. त्रावणकोर राजाओं के बीच विख्यात मार्तंड वर्मा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जिसके बाद श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की संरचना हुई. मार्तण्ड वर्मा ने ही इस मंदिर में मुरजपम और भाद्र दीपम त्योहारों की शुरुआत की. मुरजपम का मतलब प्रार्थनाओं का निरंतर जप होता है. आज भी यह त्यौहार मंदिर में हर छह साल में एक बार आयोजित किया जाता है. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का उल्लेख कई पवित्र ग्रंथों जैसे स्कंद पुराण, पद्म पुराण, ब्रह्म पुराण में मिलता है. इस मंदिर को सात परशुराम क्षेत्रों में से एक माना जाता है. मंदिर के पास एक पवित्र तालाब भी स्थित है जिसे पद्म तीर्थम कहा जाता है. श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की वास्तुकला केरल शैली और द्रविड़ियन (कोविल) शैली का मिश्रण है जिसे आसपास के कई मंदिरों में देखा जा सकता है. मंदिर का गर्भगृह एक पत्थर के स्लैब पर स्थित है. मंदिर की मुख्य मूर्ति लगभग 18 फीट लंबी है. मंदिर की पूरी इमारत पत्थर और कांस्य के सुंदर भित्ति चित्रों के साथ सजी हुई है.
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक होने के साथ साथ काफी रहस्यमयी भी है. जी हाँ आपने बिलकुल सही सुना इस मंदिर से ऐसे कुछ रहस्य भी जुड़े है जिनको आज तक सुलझायां नही जा सका है. माना जाता है कि इस मंदिर के तहखाने में सात दरवाजे है लेकिन इसके सातवे दरवाजे जिसका नाम वॉल्ट बी है, इसको आज तक खोला नही जा सका है. कहा जाता है इस दरवाजे पर एक सांप का बड़ा चित्र बना हुआ है और इसे किसी प्राचीन मंत्र से लॉक किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पद्मनाभ स्वामी मंदिर के सात दरवाजों को खोलने की कवायद हुई मगर रहस्यमयी वॉल्ट बी को खोलने से खुद कोर्ट ने भी मना कर दिया. वॉल्ट बी दरवाजा पद्मनाभ स्वामी भगवान के विग्रह के ठीक नीचे स्थित बताया जाता है. स्थानीय पुजारियों और राजपरिवार से जुड़े लोगों के अनुसार वॉल्ट बी में कुछ ऐसा है जिसे खोलने से पूरी दुनिया में भारी तबाही आ सकती है. वैसे बाकी के 6 दरवाजों भी कम रहस्यमयी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जब इन दरवाजों को खोला गया तो इसमें से अकूत खजाना मिला. दुनिया की मशहूर फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार पद्मनाभ स्वामी मंदिर के अंदर 1 ट्रिलियन डॉलर का खजाना जिसमें सोने चांदी के आभूषण, रत्न और मूर्तियां रखी गयी हैं.
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में पूजा और दर्शन का समय सुबह 3:30 बजे से शाम के 7:30 बजे तक भक्त कर सकते हैं. बीच बीच में कुछ समय के लिये मंदिर को दर्शनार्थियों के लिये बंद भी किया जाता है. इस मंदिर में भक्तों के लिए ड्रेस कोड की भी व्यवस्था की गयी है जिसमें महिलाएं साड़ी और पुरुषों के लिए धोती अनिवार्य है. बावजूद इसके रोजाना इस मंदिर में भक्तों की भारी संख्या में भीड़ जुटती है. बता दें कि यहां पर मंदिर के प्रवेश द्वार के पास किराए की धोती और साड़ियां आसानी से उपलब्ध हैं.
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