राजधानी में जीना हुआ मुहाल
दिल्ली से ज्यादा खतरनाक अपना पटना
गांधी मैदान का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार पटना शहर दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित है. देश के 129 शहरों में पटना सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा. पटना का सूचकांक 365 पाया गया है. दूसरे स्थान पर मुंगेर का 358 और तीसरे स्थान पर 342 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ सिंगरौली रहा. दिल्ली का सूचकांक 261 रहा. बिहार के अन्य शहरों में मुजफ्फरपुर का 332, बिहारशरीफ का 309 और हाजीपुर का सूचकांक 290 रहा.
राजधानी पटना के शहरी क्षेत्र में छह प्रमुख स्थलों में गांधी मैदान क्षेत्र का अधिकतम सूचकांक 500 हो गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में राजधानी वाटिका का 431, पटना सिटी का 358, एयरपोर्ट 243 है. इन सभी क्षेत्रों में पीएम 10 और पीएम 2.5 यानी मोटे और महीन धूलकण की मात्रा मानक से चार गुना अधिक पायी गयी है. रविवार को दिनभर जहां तेज गर्मी के साथ-साथ तेज हवाएं भी चलीं. इसके कारण शहर के वायु में धूलकण फैल चुका है. लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.
शहर के वायु प्रदूषण का मुख्य कारण सड़कों पर धूलकण और नाला उड़ाही के बाद निकलने वाले गाद को सड़क के किनारे ही छोड़ दिया जाना है. जब हवा तेज चली तो यह गंदगी परिवेशीय वायु में फैल गया, जिसके कारण वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गई है.
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से बिहार जिला के 24 शहरों में एक-एक ऑटोमेटिक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने का काम शुरू कर दिया है. इस प्रकार इन शहरों में लग जाने से राज्य भर के वायु प्रदूषण का वैज्ञानिक तरीके से आकलन हो सकेगा. पटना शहर के अंदर फिलहाल छह जगहों पर स्टेशन लगाया गया है. वहीं नगर निगम की ओर से निगम क्षेत्र में अपने स्तर से 10 ऑटोमेटिक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने की योजना थी, लेकिन अभी उसपर काम शुरू नहीं हो पाया है.
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