उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता
वीर कुँवर सिंह के विजयोत्सव पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई
प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक बाबू वीर कुँवर सिंह विजयोत्सव के अवसर पर आज वीर कुँवर सिंह आजादी पार्क में आयोजित राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी आदमकद अश्वारोही प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, शिक्षा सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौघरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री संजय कुमार झा, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, श्रम संसाधन सह सूचना प्रावैधिकी मंत्री जिवेश कुमार, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, पूर्व सांसद मीणा सिंह, पूर्व मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर, पूर्व महासचिव बिहार राज्य नागरिक परिषद् अरविंद कुमार सहित कई अन्य राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बाबू वीर कुँवर सिंह की अश्वरोही प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन कीर्तन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीतों का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया.
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से वार्ता करते हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज बाबू वीर कुँवर सिंह की याद में विजयोत्सव समारोह का आयोजन किया जाता है. बिहार में बहुत पहले से इस अवसर पर समारोह का आयोजन किया जाता रहा है जिसमें हमलोग शामिल होते रहे हैं. कोरोना के दौर से पहले बिहार में बाबू वीर कुँवर सिंह के विजयोत्सव के अवसर पर कई समारोह का आयोजन किया गया था. दो साल से कोरोना के दौर के बाद आज मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला है. आज इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे खुशी हुई है. बाबू वीर कुँवर सिंह के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इस देश में 1857 में आजादी की लड़ाई सबसे पहले उन्हीं के नेतृत्व में लड़ी गयी थी. आजादी की लड़ाई लड़ने के दौरान बाबू वीर कुँवर सिंह देश के कई हिस्सों में गये. उस समय देश की सेना में योगदान दे रहे कई लोगों ने विद्रोह किया था और उन सबने इस लड़ाई में बाबू कुँवर सिहं का साथ दिया था. हमलोगों ने इन सब ऐतिहासिक बातों को लेकर कई कार्यक्रम का आयोजन बिहार में किया है. इस पार्क में बाबू कुँवर सिंह की प्रतिमा को हमलोगों ने स्थापित करवाया एवं इस पार्क का नामकरण भी उनके ही नाम पर वीर कुँवर सिंह आजादी पार्क किया गया. इस पार्क का काफी विकास किया गया है ताकि यहां आनेवाली नई पीढ़ी के लोगों को इनके योगदान के विषय में जानकारी मिल सके. देश की आजादी में इनकी भूमिका को हमलोगों ने स्कूलों के सिलेबस में भी शामिल किया है ताकि सबको जानकारी मिले कि बाबू कुँवर सिंह जी का इस देश के लिए कितना महत्वपूर्ण योगदान रहा है. हमारी इच्छा शुरु से रही है कि बाबू वीर कुँवर सिंह के विजयोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए. बाबू वीर कुँवर सिंह ने आजादी की लड़ाई सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि देश के कई प्रदेशों में जाकर लड़ी थी. हम इस बात को काफी पहले से कह रहे हैं कि बाबू वीर कुँवर सिंह की याद में राष्ट्रीय स्तर पर समारोह का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि आजादी की लड़ाई में इनकी भूमिका के विषय में सबको जानकारी मिल सके. 80 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. जख्मी होने के बाद भी वे लड़ते रहे, उन्होंने जीत हासिल की और देश के लिए अपना बलिदान दे दिया. उन्होंने कहा कि बाबू वीर कुँवर सिंह समाज के सभी तबकों को जोड़कर चलते थे. अगड़ी जाति, पिछड़ी जाति, दलित समाज, हिन्दू-मुस्लिम सभी को जोड़कर वे चलते थे, इस बस चीजों को लोगों को याद रखनी चाहिए.
बाबू वीर कुँवर सिंह की याद में यूनिवर्सिटी का निर्माण पहले ही कर दिया गया था. हमलोगों ने उनकी याद में कई कार्य किये हैं. गंगा नदी में पुल का नामकरण भी उनके नाम पर किया गया है. कृषि महाविद्यालय का भी नामकरण उनके नाम पर किया गया. बाबू कुँवर सिंह के जन्मस्थान जगदीशपुर को विकसित किया गया है. जगदीशपुर में हमलोग जाते रहे हैं. इस अवसर पर यहां आकर मुझे काफी खुशी मिलती है. हमलोग बचपन से ही बाबू वीर कुँवर सिंह जी के विषय में सुनते और जानते रहे हैं.
राजद के इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका पॉलिटिक्स से कोई मतलब नहीं है. इस तरह की इफ्तार पार्टी में सबको आमंत्रित किया जाता है. सरकार की तरफ से भी हम शुरु से इफ्तार पार्टी का आयोजन कराते रहे हैं. उसमें सभी पार्टी के लोगों को बुलाते हैं. इसी तरह दूसरी पार्टी के लोग भी इफ्तार पार्टी आयोजन करते हैं तो सभी पार्टी वालों को बुलाते हैं. कोई अगर मुझे बुलाता है तो हम जाते हैं. उन्होंने मुझे आमंत्रित किया था तो मैं वहां गया था.
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