खगड़िया में महिला सुरक्षा की पोल खुली
खगड़िया में दो साल में 232 बेटियां गायब
अधिवक्ता मणि भूषण सेंगर के आरटीआई से हुआ खुलासा
बिहार की बेटियां अपराध का शिकार हो रही हैं और राज्य सरकार कान में तेल डालकर बैठी है. राज्य में गरीबी और पिछड़ा जिला खगड़िया इसका बड़ा उदाहरण है. यहां महज दो साल में 232 बेटियां गायब हुईं, जिसमें कई का अपहरण किया गया तो कई पुरुषों के झांसे में आकर गईं. इसमें 72 का आज तक सुराग नहीं लगा है. नाबालिग बेटियों से यौन उत्पीड़न के मामले भी बढ़े हैं, लेकिन अशिक्षा और गरीबी के कारण मामले यहां पुलिस स्टेशन पहुंचने से पहले गांव की पंचायत में खत्म हो जाते हैं.बिहार का खगड़िया जिला काफी पिछड़ा है. अपराध का ग्राफ साल दर साल बढ़ रहा है, हालांकि पुलिस कार्रवाई का दावा करती है, लेकिन अशिक्षा और गरीबी के कारण अधिकतर मामले थानों पर नहीं पहुंच पाते हैं. पुलिस रिकॉर्ड में जो मामले आते हैं, वह भी चौंकाने वाले हैं.
पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट मणिभूषण प्रताप सेंगर ने बिहार के डीजीपी से आरटीआई के तहत महिला सुरक्षा की जानकारी मांगी थी. एक जनवरी 2020 से 10 जनवरी 2022 तक बिहार के सभी जिलों में कुल कितनी बालिग और नाबालिग लड़कियां गायब हुईं या फिर उनका अपहरण हुआ, इनमें से कितनी बरामद हुईं और कितनी अभी गायब हैं.वर्ष 2018 से 2021 तक बिहार के सभी जिलों में नाबालिग यौन उत्पीड़न के कुल कितने मामले राज्य के किन किन थानों में दर्ज हुए तथा कितने कांडों में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र 11 जनवरी 2022 तक समर्पित किए गए. इसकी पूरी विस्तृत जानकारी मांगी गई थी लेकिन मुख्यालय ने बेटियों की सुरक्षा की पोल न खुले इसलिए सूचना के लिए जिलों को पत्र भेज दिया था. इसी क्रम में खगड़िया से मिली सूचना से महिला सुरक्षा की पोल खुली है. बिहार के खगड़िया जैसे छोटे जिले में वर्ष 2020 में नाबालिग और बालिग बालिकाओं के अपहरण एवं गुमशुदगी के कुल 96 मामले खगड़िया जिले में दर्ज हुए हैं. इसमें 82 मामलों में बरामदगी तो हो गई लेकिन 14 बेटियां आज भी गायब हैं. पुलिस उनका कोई सुराग नहीं लगा पाई है.
खगड़िया पुलिस की जानकारी के मुताबिक वर्ष 2021 में केवल बिहार के खगड़िया जिला में 134 नाबालिग एवं बालिग बेटियों के अपहरण व गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए हैं. इसमें से 57 मामलों में अभी तक बेटियों का पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है. अब तक पुलिस महज 77 पीड़िताओं को बरामद करा पाई है. पीड़ित बेटियों का परिवार थाना से लेकर पुलिस कार्यालय का चक्कर काटता है, लेकिन पीड़िताओं को कोई सुराग नहीं लग पा रहा है.खगड़िया में वर्ष 2022 के जनवरी माह के महज 5 दिनों में दो नाबालिग का अपहरण हुआ. इसमें पुलिस ने बेटी को बरामद कर लिया जबकि एक का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है. खगड़िया पुलिस की जानकारी के मुताबिक जनवरी माह के 5 दिन में दो अपहरण और गुमशुदगी के मामले दर्ज हुए. इसमें अब तक एक में सफलता नहीं मिल पाई है.
खगड़िया पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक महिला अपराध की बढ़ती घटना के बाद भी यौन उत्पीड़न के मामले कम आ रहे हैं. पुलिस का आंकड़ा बताता है कि खगड़िया जिले में 4 साल में नाबालिग यौन उत्पीड़न के कुल 69 मामले दर्ज हुए हैं. इसमें 2018 में 25, 2019 में 22, 2020 में 8 और 2021 में 14 मामले दर्ज हुए हैं. हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि अशिक्षा और गरीबी के कारण यौन उत्पीड़न के मामलों पर पुलिस की जानकारी से पहले ही पर्दा डाल दिया जाता है. इससे बेटियां दबने के बजाए अब मुंह खोलने का साहस जुटा रही हैं, इस कारण से भी पुलिस रिकॉर्ड में मामले बढ़े हैं. खगड़िया के अलौली थाना में महिला अपराध की अधिक घटना दर्ज हुई है.
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