जिसके चलते टूट रही पक्षियों की जोड़ियां
कई प्रजातियों के लिए बढ़ गया है संकट
गर्मी बढ़ने से पक्षियों के लिए बढ़ी मुश्किल
शोध प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी में प्रकाशित
जलवायु परिवर्तन के चलते हमें ज्यादा गर्मी महसूस होने लगी. कई जगहों पर भारी बारिश और सूखे जैसे हालात भी बनते दिख रहे हैं. लेकिन कुछ ऐसे जीव हैं जिनके अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो गया है. अल्बाट्रॉस पक्षी अपने साथी के प्रति जीवनभर वफादारी के लिए जाने जाते रहे हैं. लेकिन हाल ही में हुए अध्ययन से पता चला है की ये पक्षी अपने साथी के साथ नहीं रहना चाहते और उन्हें छोड़ रहे हैं.
यूनिवर्सिडेड डी लिस्बोआ, मोंटाना विश्वविद्यालय, दक्षिण अटलांटिक पर्यावरण अनुसंधान संस्थान और इंस्टीट्यूटो यूनिवर्सिटीरियो, रुआ जार्डिम डो ताबाको के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि फ़ॉकलैंड द्वीप समूह पर पाए जाने वाले खूबसूरत अल्बाट्रॉस पक्षियों के बीच अपने साथी को छोड़ने की घटनाएं बढ़ी हैं. अध्ययन में पाया गया कि जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि हो रही है उसके समुद्र का तापमान भी बढ़ रहा है जो इन जीवों के आपसी संबंधों को प्रभावित कर रहा है.
शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन का असर इन पक्षियों पर जानने के लिए पिछले 15 वर्षों में इस द्वीप पर रहने वाले 15,500 पक्षियों के जोड़ों का अध्ययन किया. यह शोध प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी में प्रकाशित हुआ है. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि सामान्य तौर पर अपना साथी चुन लेने के बाद इन पक्षियों में केवल एक से तीन फीसदी पक्षी ही एक दूसरे का साथ छोड़ते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों में तापमान बढ़ने से पक्षियों के अपने साथी हो छोड़ने का आंकड़ा बढ़कर 8 फीसदी पर पहुंच गया है. जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने मौसम और पर्यावरण के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन किया है.एल्बाट्रॉस समुद्री पक्षी होते है, जो बत्तख की तरह दिखता है. ये समुद्र में कुछ द्वीपों पर पाए जाते हैं. इनका जीवनकाल 12 से 60 साल तक का होता ये पक्षी काफी लम्बी दूरी तक उड़ान भर सकते हैं. अपने साथी के प्रति वफादार रहना इनकी खूबियों में से एक है. एक बार अपना साथी चुनने के बाद इनका रिश्ता कई दशकों तक रहता है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक इन पक्षियों को जलवायु परिवर्तन के चलते जिस द्वीप पर ये रहते हैं उसके आसपास खाना मिलने में मुश्किल हो रही है. तापमान बढ़ने के साथ शिकार के लिए इन पक्षियों को लम्बे समय के लिए दूर-दराज तक उड़ान भरनी पड़ रही है. ऐसे में अगर पक्षी को प्रजनन के मौसम से पहले वापस लौटने में देरी हो जाती है तो उनके साथी, अपने लिए नए पार्टनर चुन लेते हैं. तापमान बढ़ने से भोजन की उपलब्धता घटने से इनमें पोषण की भी कमी हो रही है. ऐसी स्थिति में यह पक्षी संतानोत्पत्ति में विफल हो रहे हैं. जोड़ियां टूटने का ये भी एक कारण है. समुद्र का तापमान बढ़ने से इन पक्षियों के लिए स्थितियां पहले की तुलना में काफी मुश्किल हो चुकी हैं जो उनमें स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ा रही हैं. यह भी उनके अलग होने की एक संभावित वजह हो सकती है.
इस रिसर्च से साफ पता चलता है कि इंसानों की अनियंत्रित विकास की दौड़ के चलते खड़े हुए जलवायु परिवर्तन के संकट का सामना ये पक्षी भी कर रहे हैं. यदि जलवायु परिवर्तन को जल्द ही नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले समय में धरती पर रहने वाले कई जीवों के लिए हालात काफी मुश्किल हो सकते हैं.
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