आईआईटी परीक्षा में देशभर में लाया 54वां रैंक
एक बड़ा वैज्ञानिक बनने का है सपना
घरवाले कर रहे सूरज की मेहनत सलाम
कभी रेलवे स्टेशन, कभी गंगा किनारे ,घर, स्कूल और कॉलेज में पढ़कर तो लाखों छात्रों ने अपनी मंजिल हासिल कर लेते हैं पर बिहार के एक नौजवान ने जेल में रहकर अपना भविष्य संवार लिया है उसने जीतोड़ मेहनत के बल पर ऐसा कर दिखाया कि सबकी बोलती बंद हो गई. किसी भी जेल की जो स्थिति है वह किसी से छुपी नहीं है ऐसे में कैदी से शायद ही कोई ऐसी उम्मीद कर सकता है. नवादा मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन कैदी कौशलेंद्र कुमार ने आईआईटी क्वालीफाई करके सबको चौंका दिया.बिहार के नवादा जेल में 22 वर्षीय विचाराधीन कैदी सूरज पिछले 11 महीने से बंद है. अब उसकी पढ़ाई के प्रति लगन और स्कोरकार्ड देखकर सूरज के घर वाले भी गर्व कर रहे हैं.
दरअसल, सूरज नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है. आरोप है कि अप्रैल 2021 को गांव के ही 45 वर्षीय संजय यादव की बुरी तरह पिटाई कर दी थी. हालत इतनी गंभीर थी कि अंत में मौत हो गई थी. इस मामले में मृतक संजय यादव के पिता ने सूरज समेत कई लोगों पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
सूरज कुमार करीब 11 महीने से जेल में बंद है और जेल से ही सेल्फ स्टडी कर आईआईटी क्वालीफाई कर गए. आईआईटी रुड़की द्वारा जारी रिजल्ट में उन्हें 54वां रैंक मिला है. आईआईटी के द्वारा हर साल जॉइंट इंडियन टेस्ट फॉर मास्टर( IIT- JAM) का आयोजन करवाया जाता है. यह एक एंट्रेंस एग्जाम होता है. जिसके माध्यम से 2 वर्षीय एमएससी प्रोग्राम कोर्स में दाखिला मिलता है. सूरज के लिए आगे के कोर्स में जाने का रास्ता साफ हो गया है.
नवादा से संजय