बिहार की सियासत में पिछले कुछ वक्त से जारी तमाम तरह की चर्चाओं पर विराम लगता नजर आ रहा है. बिहार विधानसभा में विकासशील इंसान पार्टी वीआईपी के तीनों विधायकों ने भाजपा का दामन थामने का निर्णय कर लिया है. फिलहाल यह तीनों विधायक भाजपा को अपना समर्थन देने को तैयार हो गए हैं.
आज विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के चैंबर में भाजपा कोटे से दोनों उपमुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल के साथ तीनों विधायकों की मुलाकात हुई है. इस बात के संकेत खुद मुकेश साहनी ने ही 2 दिन पहले दे दिया था कि एनडीए से उनका संपर्क टूटने वाला है. हालांकि जब तक उनका विधान पार्षद के रूप में कार्यकाल है तब तक उनके मंत्री बने रहने की संभावना है. जुलाई में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है.
वीआईपी के तीनों विधायक मिश्री लाल यादव, स्वर्णा सिंह और राजू सिंह लगातार मुकेश सहनी से नाराज चल रहे थे और उनके भाजपा के खिलाफ दिए गए बयानों पर भी सवाल खड़े कर रहे थे. मुकेश साहनी की मुसीबत तब ज्यादा बढ़ गई जब उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार दिया. आज आखिरकार यह तय हो गया कि वीआईपी का बिहार विधान सभा से सूपड़ा साफ हो गया है क्योंकि वीआईपी के एक विधायक मुसाफिर पासवान का निधन हो चुका है और बाकी तीनों विधायक अब भाजपा के फोल्डर में जाने वाले हैं. बिहार विधान परिषद में मुकेश साहनी का कार्यकाल भी जुलाई महीने में खत्म हो रहा है.
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