रेड जोन में एयर क्वालिटी इंडेक्स
एक दिन की ओपीडी में 25 नए मरीज
एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में 320
गर्मी के साथ ही अब पटना की हवा भी और जहरीली होती जा रही है. पटना का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया और एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन में 320 पहुंच गया. गर्मी के साथ हवा में घुलता जहर सेहत के लिए काफी खतरनाक है. इससे सांस के रोगियों की समस्या बढ़ने के साथ सामान्य लोगों की सेहत पर भी बड़ा असर पड़ेगा. मौसम विभाग ने अब रात और दिन के तापमान के बीच के अंतर कम होने का पूर्वानुमान जताया है जिससे गर्मी के साथ प्रदूषण भी बढ़ेगा.
पर्यावरण विद संजय पांडेय कि गर्मी के साथ प्रदूषण बढ़ने का कई बड़े कारण है. एक तो पेड़ों की कटाई हो गई है जिससे शहरों में गर्मी के साथ ही प्रदूषण बढ़ जाता है. दूसरा कारण है कि शहर की गंदगी तेज धूप और गर्मी से जब सूखती है तो वह हवा के साथ उड़ती है. धूल के साथ प्रदूषण का जहर हवा में घुलता है जिस कारण से भी खतरनाक कण सांस के लिए जहर बनते हैं. पटना के कई ऐसे इलाके हैं जहां प्रदूषण को लेकर काम नहीं किया जा रहा है, इस कारण से इन इलाकों में सबसे अधिक खतरा है. संजय का कहना है कि गर्मी के साथ प्रदूषण के बढ़ने का मामला भी बढ़ता जा रहा है. इससे बचने के लिए लोगों को मास्क का प्रयोग करना चाहिए. मास्क कोरोना के साथ प्रदूषण से बचाने में सहायक होगा.
पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चेस्ट रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनीष का कहना है के गर्मी के दिन में अचानक से सांस के नए रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. ओपीडी में पुराने मरीजों के साथ नए मरीजों की संख्या बढ़ी है. आंकड़ों की बात करें तो एक दिन की ओपीडी में 25 नए मरीज होते हैं, जिन्हें सांस को लेकर समस्या है. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर वह पहुंच रहे हैं. डॉ मनीष का कहना है कि प्रदूषण के कारण लोगों को बचाव करना होगा. हवा में प्रदूषण के कारण सीधा असर चेस्ट पर पड़ता है, इससे सांस लेने में तकलीफ के साथ चेस्ट इंफेक्शन के मामले बढ़ते हैं. खान पान में ध्यान रखना और व्यायाम एक्सरसाइज करने के साथ सावधानी से ही इस समस्या से बचा जा सकता है.
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