जिलों में क्रिकेट लीग का आयोजन होगा जल्द
पार्कों में छोटे खेल को भी मिलेगा स्थान
उपमुख्यमंत्री ने किया है वादा खेलों की बढ़ेगी सुविधा
बिहार के क्रिकेट का स्वर्णिम युग अब आ गया है यह युवा खिलाड़ियों के शुभ संकेत है. आज बिहार में जन्में खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. अगर बिहार में सम्पूर्ण रूप से क्रिकेट के लीग मैचों का आयोजन जिला स्तर पर नियमित हो तो वो दिन दूर नहीं जब बिहार का युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को बेहतर मौका मिलेगा और वे भी अपनी खेल से सभी आयोजकों का अपनी ओर आकर्षित करेंगे. ये बातें पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और कई बड़े टूर्नामेंट के आयोजक रहे सतीश के राजू ने एक विशेष मुलाकात में कही.
उन्होंने कहा कि बिहार में सालों से क्रिकेट को लेकर राजनीति चलती रही जिसके कारण बिहार में क्रिकेट का विकास नहीं हो पाया. आज राज्य में ऐसा एक भी स्टेडियम नहीं है जो क्रिकेट को समर्पित हो. अब तो खेल ही हमारे जीवन से ख़त्म होता जा रहा है,स्कूल कॉलेज से खेल के मैदान भी ख़त्म हो रहे हैं .घरों के आस पास भी अब मैदान नहीं बचे हैं जिसमें बच्चे खेल सकें. विद्यालयों और कॉलेजों में खेल के फंड का उपयोग ठीक से नहीं हो रहा है जिससे बच्चे खेल में रूचि नहीं दिखा रहे हैं. पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ के संयोजक सतीश के राजू कहते हैं कि बिहार में खेलों के लिए सरकार जल्द ही बड़े कदम उठाने जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही राज्य के पार्कों में छोटे खेलों को बढ़ावा देने के लिए स्थान सुनिश्चित किया जाएगा जहां बैडमिन्टन,कैरम,वालीबॉल और अन्य खेलों के प्रति लोगों का आकर्षण बनेगा.
पटना के भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी इशान किशन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा उनके साथ तो मैं बचपन से खेल देख रहा हूँ जब वो डोनी पोलो पब्लिक स्कूल से खेलते थे. उसके बाद आल इंडिया एसपी सिन्हा अंडर-13 क्रिकेट टूर्नामेंट जो इंडियन पब्लिक स्कूल देहरादून में होता है वहां भी इशान किशन और ऋषभ पन्त दोनों खेल रहे थे उनके खेल को देख कर उन्हें आईपीएस बोर्डिंग स्कूल में फ्री पढ़ने का मौका दिया गया था. पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सतीश के राजू ने कहा कि इशान,अनुनय,नदीम, अनुकूल और ऋषभ पन्त जैसे खिलाड़ियों ने अपनी क्षमता के अनुसार बेहतीन खेल खेला है और आने वाले दिनों में बिहार के स्वर्णिम युग की शुरुआत होगी. रणजी ट्राफी में बिहार के दो खिलाड़ियों बाबुल और सकीबुल गनी ने शतकीय पारी खेल कर अपनी प्रतिभा को दिखाया है.
अब बिहार में क्रिकेट अकादमी के गठन के बाद रणजी टूर्नामेंट में युवा खेल रहे हैं लेकिन उनके खेल को आगे बढ़ाने के लिए उन पर मेहनत करने के लिए एक वातावरण का होना जरुरी है जो अब बिहार में बन रहा है,गांव हो या शहर सब जगह क्रिकेट का जुनून दिख रहा है ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे जिला स्तर पर लीग मैचों का आयोजन करे और अच्छे खिलाडियों का चयन कर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा मिले साथ ही बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था हो. सतीश के राजू ने कहा है कि बिहार के शिक्षा मंत्री ,खेल मंत्री और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बजट सत्र के बाद बिहार में खेल के लिए कार्य करने का आश्वासन दिया है.
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