बिहार में नशा मुक्ति अभियान के साथ शिक्षकों को जोड़ने के संबंध में शिक्षा विभाग के पत्र के बाद सरकार और शिक्षकों के बीच ठन गई है. सरकार की ओर से यह आदेश जारी हुआ है कि सभी स्कूलों में शिक्षा समिति की बैठक बुलाई जाए और सभी शिक्षकों के लिए नशा मुक्ति अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा जाए. शिक्षकों के लिए यह भी निर्देश जारी हुआ है कि उन्हें सरकार के टोल फ्री नंबर पर शराब का सेवन करने वाले या शराब की बिक्री करने वाले की जानकारी देनी होगी, जिसके बाद शिक्षकों ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए आदेश को वापस लेने की मांग की है.
शनिवार को शिक्षा विभाग की ओर से पहले शिक्षा मंत्री और उसके बाद अपर मुख्य सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर सफाई दी.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को कोई टास्क या टारगेट नहीं दिया गया है. यह सामान्य बात है और बिहार सरकार के हर कर्मचारी और नागरिक को पहले ही इस बारे में बताया जा चुका है.
इधर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों को यह समझना चाहिए कि यह सिर्फ एक अपील है ना कि उन पर बाध्यकारी है. इसलिए इसे वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता. इधर शिक्षक संघों ने सरकार के इस आदेश के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने पटना नाउ को बताया कि यह सरकार का तुगलकी फरमान है और अगर सरकार इसे वापस नहीं लेती है तो हम आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
राजेश तिवारी