जनता दरबार में फरियादी की शिकायतें
अधिकारी बोलते है मुख्यमंत्री तक जाता है कमीशन
वृक्षारोपण नहीं हुआ,आजादी के बाद सड़क नहीं बनी
सड़क नहीं पर पटना नगर निगम को दे रहे टैक्स
अजब गजब शिकायतों का अंबार, ज्यादा मिली शिकायतें
जनता दरबार में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों की समस्याएं सुनी. दर्जनों मामलों को उन्हें देखा और उसे निपटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए. इन सब के बीच आज सबसे ज्यादा गांव और पंचायतों में सड़क की समस्याएं आईं. इन्हें निपटाने के लिए सीएम बार-बार ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को फोन लगाते दिखे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना के तहत हर गांव में पक्की सड़क और गली-नाली बनाने की योजना है. इससे संबंधित शिकायतें लगातार मिल रही हैं. मुख्यमंत्री भी नहीं चाहते हैं कि इन योजनाओं में किसी भी प्रकार की धांधली और गड़बड़ी हो. लिहाजा बड़ी संख्या में सड़क निर्माण और गड़बड़ी संबंधी मामले ही आज जनता दरबार में आए. जनता दरबार कार्यक्रम में एक मामला नदी कटाव समस्या से जुड़ा हुआ आया. इसके बाद सीएम ने तुरंत जल संसाधन विभाग के मंत्री को फोन लगाया और पूछा कि तटबंध काहे नहीं बना. वहीं, गोपालगंज से एक गांव की सड़क के मुख्य सड़क में नहीं जुड़े होने का मामला सामने आया. इसे भी सीएम ने देखने का निर्देश दिया.
वहीं, एक काफी पुराना मामला लेकर फरियादी जनता दरबार पहुंचा. उसने सीएम से कहा ‘सर 1998 का मामला है. इसके 23 साल हो गए हैं. मेरे पिताजी ने गोपालगंज सर्किट हाउस का मरम्मत कराया गया था, लेकिन अब तक उस राशि का भुगतान विभाग के द्वारा नहीं किया जा सका है. जबकि कोर्ट ने 12 प्रतिशत ब्याज के साथ 15 दिनों के अंदर भुगतान करने का निर्देश दिया था. इसके बाद भी भुगतान नहीं हो सका. इस मामले को भी सीएम ने तुरंत देख लेने का निर्देश अधिकारियों को दिया. शख्स ने सीएम नीतीश को बताया कि आप भी साल 2014 में हमारे घर भी गए थे. नीतीश भी सुनकर आश्चर्यचकित हो गए .
अपनी शिकायत लेकर आए एक युवक ने तो यहां तक दिया कि अधिकारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक कमीशन जाता है. वहीं एक ने मधुबनी से आए एक युवक ने बिहार में दूसरे चारा घोटाला की बात कह दी.नीतीश कुमार के जनता दरबार में आए युवक ने एक कहा कि आरटीपीएस काउंटर में पोस्टेड हरे राम सिंह के द्वारा बिना पैसा का किसी का काम नहीं किया जाता है. इसको लेकर शिकायत भी की गई. जांच की गई तो एमओ की ओर से भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. उसने जब कहा कि मुख्यमंत्री जनता दरबार में आवेदन किया है तो इसपर उससे यह कहा गया कि मुख्यमंत्री तक भी जाइएगा तो कुछ नहीं होगा, वहां तक भी कमीशन जाता है. यह सुनकर मुख्यमंत्री नीतीश के होश उड़ गए. युवक की समस्या सुनने के बाद नीतीश कुमार ने मामले को खाद्य उपभोक्ता के पास भेज दिया.
एक फरियादी ने सीएम नीतीश को बताया कि उनके इलाके में आजादी के बाद से आजतक सड़क-गली का निर्माण नहीं हुआ है. फरियादी ने अनियमितताओं पर ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया कि वे जहाँ रहते हैं वहां सड़क के पक्कीकरण और कालीकरण का बोर्ड लग गया लेकिन सड़क नहीं बनी. इसी तरह खुद को फुलवारीशरीफ का बताने वाले एक फरियादी ने कहा कि वह पटना नगर निगम के अंतर्गत टैक्स भुगतान करता है. लेकिन उसके इलाके में आज तक सड़क और नाली का निर्माण नहीं हुआ है.
मुख्यमंत्री ने इस पर आश्चर्य जताया और संबंधित विभाग को तुरंत इसे देखने कहा. कैमूर से आए फरियादी ने कहा कि जिस सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली के दौरान किया वहां सड़क निर्माण हुआ लेकिन गाँव के लोगों की मांग के बाद भी वहां वृक्षारोपण नहीं हुआ. एक फरियादी ने बताया कि उनके गांव में नहर पर बनी सड़क पक्कीकरण नहीं होने से हर साल कई प्रकार की दुर्घटनाएं होती हैं. बावजूद इसके सड़क नहीं बन रही है.वहीँ एक पटना के फरियादी ने कहा कि पटना नगर निगम के अंतर्गत टैक्स भुगतान करता.लेकिन उसके इलाके में आज तक सड़क और नाली का निर्माण नहीं हुआ है.
PNC DESK #biharkikhabarजब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आया गुस्सा