यह एक ऐसा सवाल है जिसकी जबाब आपको ढूंढने के लिए बहुत सर्च करना पड़ेगा ,खैर चलिए हम आपको बता देते हैं .
आटा गूंथने के बाद गृहणियां उस पर उँगलियों से निशान क्यूँ बनाती हैं?
एक लोई पूर्वजों के लिए, दूसरी गाय के लिए, तीसरी कुत्ते के लिए निकालती थी
अगर आप आता गूँथ रहे है तो उसे गोलाकर आकार में नहीं रख कर छोड़ना चाहिए उसमें अपनी उँगलियों के छापे लगाना जरूरी होती है. अगर ऐसा नहीं किया जाए,तो वह पिंड का रूप ले लेता है।जो कि अशुभ होता है,इसलिए आटे को गूंथने के बाद उंगलियों से निशान बनाए जाते है,ताकि वह पिंड न रहे। यह भारतीय सनातन_संस्कृति है, जो आदि काल से चली आ रही है. इसका आशय होता है कि यह गूंथा हुआ आटा पूर्वजों के लिए है। मान्यता है कि इस तरह का आटा देखकर पूर्वज किसी भी रूप में आते हैं और उसे ग्रहण करते हैं.
यही कारण है कि जब मनुष्यों के ग्रहण करने के लिए आटा गूंथा जाता है तो उसमें उंगलियों के निशान बना दिए जाते हैं. यह निशान इस बात का प्रतीक होते हैं कि रखा हुआ आटा, लोई या पिंड पूर्वजों के लिए नहीं बल्कि इंसानों के लिए है। प्राचीन काल में महिलाएं प्रतिदिन एक लोई पूर्वजों के लिए, दूसरी गाय के लिए, तीसरी कुत्ते के लिए निकालती थी, घर में अनेक महिलाएं होती थी उंगलियों का निशान लगाने से पता चल जाता था कि इंसानों के लिए तैयार किया गया आटा कौन सा है,
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