कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरे के दायरे में भारत
बगैर मास्क दिखे तो भरना पड़ेगा जुर्माना
एम्स की चेतावनी लोगों में कोरोना का डर खत्म,मास्क पहनें
भारत में वर्तमान में मास्क का उपयोग 60% से कम
पटना समेत बिहार में मास्क के इस्तेमाल में गिरावट
चार दिनों में बिहार में 60 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित
चार दिनों में बिहार में 60 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए है. सिर्फ राजधानी पटना जिले से ही 39 लोग शामिल हैं. इसके अलावा कोरोना के नए वेरियंट ओमीक्रोन का खतरा भी सिर पर मंडरा रहा है. इसके बावजूद लोग कोविड नियमों की अनदेखी करते जा रहे हैं. मास्क पहनना तो कई लोगों ने लगभग बंद ही कर दिया है. राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि सरकार कोविड दिशा-निर्देशों को लागू करने और इस संबंध में आवश्यक निर्देश लगातार जारी कर रही है.
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि जो कोविड-19 के लिए केंद्र की कोर टीम का हिस्सा हैं, उसने देश में मास्क के उपयोग में गिरावट पर चिंता जताई है. इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के आंकड़ों का हवाला देते कहा गया है कि भारत में वर्तमान में मास्क का उपयोग 60% से कम हो गया है. पॉल ने आगाह किया कि ‘देश खतरे के क्षेत्र’ में आ गया है. ओमीक्रोन की दहशत के बीच बिहार को फिर डराने लगा कोरोना, शिक्षा मंत्री ने स्कूलों को दिया बड़ा निर्देश देते हुए कहा कि स्कूलों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी.
बिहार में भी मास्क के इस्तेमाल में भारी गिरावट आई है. रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंडों, सब्जी मंडियों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर मुश्किल से 10% से 20% लोगों को मास्क पहने देखा जा सकता है. जिस तरह का व्यवहार वे दिखा रहे हैं, उसके परिणामस्वरूप फरवरी तक एक बड़ी परेशानी सामने आ सकती है.’
कोविड-उपयुक्त व्यवहार को लागू करना प्रशासन के लिए भी प्राथमिकता नहीं है. दंडात्मक कार्रवाई नहीं होने से लोग लापरवाह हो गए हैं. सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वालों को दंडित किया जाना चाहिए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक शराबबंदी के साथ-साथ सरकार को कोविड दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने पर भी ध्यान देना चाहिए. इसी वजह से पटना में मास्क चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है.
एम्स पटना में कोविड-19 के नोडल प्रभारी डॉ संजीव कुमार के मुताबिक ‘लोगों के लापरवाह व्यवहार की कीमत पूरे राज्य को चुकानी पड़ेगी. लोग वास्तव में खतरे की आशंका नहीं कर रहे हैं. पहली लहर के बाद लोग कोविड-उपयुक्त व्यवहार को भूल गए थे और इसी का नतीजा था कि बिहार में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपा दिया.’
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