कॉन्क्रीट मिक्सचर में करंट से बनाते हैं चुंबकीय क्षेत्र
आयरन ऑक्साइड, निकल और जिंक जैसे धातु का कमाल
अमेरिका में सड़क को चार्जर में तब्दील करने का प्रयोग
अब ऐसी सड़कें बनाने की दिशा में काम चल रहा है, जो कारों को चलने पर उन्हें चार्ज भी कर देंगी. इसके लिए इंडक्टिव चार्जिंग नामक तकनीक का विकास किया जा रहा है. इस साल जुलाई में इंडियाना के परिवहन विभाग और परड्यू यूनिवर्सिटी ने दुनिया के पहले वायरलेस चार्जिंग कॉन्क्रीट हाइवे की योजना बनाई है. इस परियोजना पर एस्पायर नामक एक इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर काम कर रहा है. इसे नेशनल साइंस फाउंडेशन से फंडिंग मिल रही है. एस्पायर की डायरेक्टर नाडिया कहती हैं कि हमारा उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़क पर चलने के दौरान ही चार्ज करना है. इसके लिए चुंबकीय कॉन्क्रीट तकनीक का उपयोग करते हैं, जिसमें आयरन ऑक्साइड, निकल और जिंक जैसे धातु तत्व मिलाए जाते हैं. इस कॉन्क्रीट को जर्मन कंपनी मैगमेंट ने विकसित किया है. फिलहाल इस तकनीक पर कई चरणों में परीक्षण किया जा रहा है. यह कुछ-कुछ ऐसा ही है जैसे मोबाइल फोन वायरलेस तरीके से चार्ज होता है.
कॉन्क्रीट मिक्सचर में बिजली का करंट दौड़ाकर इसे चुंबकीय बनाया जाता है. इससे एक चुंबकीय क्षेत्र बनता है जो वायरलैस तरीके से वाहन को पावर देकर चार्ज करता है. पेटेंट कराए गए मटेरियल से बने 12 फीट लंबी 4 फीट चौड़े प्लेट या बॉक्स को सड़क पर कुछ इंच नीचे दबा दिया जाता है. इस बॉक्स को पावर ग्रिड से जोड़कर इसमें करंट दौड़ाया जाता है. यह ट्रांसमिट होता है, जो सड़क पर दौड़ने वाली कार को पावर देता है. कार में लगे एक बॉक्स के जरिये यह पावर प्राप्त की जाती है और कार खुद वाई फाई से चार्ज हो जायेगी.
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