ट्वीट कर कहा दूसरों को तुच्छ न समझें
अपने से जूनियर को ग़ुलाम और स्वयं को मालिक समझ लेना दुःखद है
पटना: किसी भी संस्था में अपने से जूनियर को ग़ुलाम और स्वयं को मालिक समझ लेना दुःखद है. अपनी सोच समझ को श्रेष्ठ और दूसरों को तुच्छ समझना दुःखद है. जूनियर, सीनियर से परे लोग एक दूसरे को सहकर्मी क्यों नहीं स्वीकार कर पाते हैं? अपनी महत्वकांक्षाओं के लिए सहकर्मियों को उनके निजी जीवन, उनके हॉबी की आहुति देने पर क्यों मजबूर कर देते हैं? आपके सहकर्मी एक रिसोर्स के साथ एक ह्यूमन भी तो हैं ना! लोगों के जीवन मे उत्साह घोलने की जगह अनावश्यक तनाव क्यों घोलना है? सेहतमंद वर्क कल्चर आपको नहीं भी मिला हो तो आप इसकी शुरुआत कर सकते हैं ना! याद रखिए नौकरी जीवन के लिए हैं, जीवन नौकरी के लिए नहीं है।
आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है। जागरूक हों और समाज मे अपना योगदान सुनिश्चित करने का प्रयास करें.
प्रख्यात अभिनेता बिहार के लाल पंकज त्रिपाठी की दिल की बात आज सामने आ गई है उन्होंने लोगों से बिना भेद भाव ,जूनियर सीनियर से अलग काम करने की अपील की है। पंकज त्रिपाठी अपने बेबाकी बात के लिए जाने जाते हैं । अपने ट्वीट के जरिए देश के लोगों से अपील की है और कई सवाल भी पूछे हैं
पंकज त्रिपाठी के इस ट्वीट को सोशल मीडिया में खूब शेयर किया जा रहा है.खास कर रंगकर्मियों के बीच इस ट्वीट को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। आपके क्या विचार हैं हमें भेजें या कमेंट करें