समाज के अंतिम पायदान की हकीकत से रूबरू कराती है ‘हाशिए पर हसरत’-हरिवंश

बहुत से विकास के कार्य हो रहे हैं लेकिन यह सच्चाई है कि लगभग सारी चीजें अंतिम पायदान के लोगों तक नहीं पहुंच पाई है -हरिवंश

हरिवंश ने कहा कि नीतीश कुमार ने मुसहर जाति से आने वाले जीतन राम मांझी को भी सीएम बनाया। यह भी समाज का एक यथार्थ है।




सभी की यह मांग होती है कि समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों का उद्धार हो लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा संभव नहीं हो पाता है -अवधेश नारायण सिंह

समाज के मार्मिक दृश्य की दस्तावेज और जीवंत कृति है यह पुस्तक
भीम सिंह भवेश की पुस्तक का विधान परिषद सभागार में लोकार्पण

“हाशिए पर हसरत” का लोकार्पण


प्रख्यात लेखक सह पत्रकार भीम सिंह भवेश की पुस्तक “हाशिए पर हसरत” का लोकार्पण सोमवार को बिहार विधान परिषद के सभागार में किया गया। प्रभात प्रकाशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम का पुस्तक का लोकार्पण राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह और बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर हरिवंश ने कहा कि हाशिए पर हसरत अपने आप में ही पूरी किताब के बारे में बता रहा है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक समाज के मार्मिक दृश्य की दस्तावेज और जीवंत कृति है। बिना संवेदना के कोई कुछ नहीं लिख सकता है लेकिन मुसहर जाति से आने वाले लोगों के लिए लेखक ने जो कुछ लिखा है वह अद्भुत है।

यह किताब सामूहिक जीवन के प्रयास का सत्य है, जिसे हम गागर में सागर भी कह सकते हैं। किताब का उल्लेख करते हुए हरिवंश ने कहा कि आज समाज में निचले तबके के लिए बहुत से विकास के कार्य हो रहे हैं लेकिन यह सच्चाई है कि लगभग सारी चीजें अंतिम पायदान के लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। बिहार के संदर्भ में जिक्र करते हुए हरिवंश ने कहा कि नीतीश कुमार ने मुसहर जाति से आने वाले जीतन राम मांझी को भी सीएम बनाया। यह भी समाज का एक यथार्थ है। उन्होंने भी महादलितों के लिए काफी प्रयास किए हैं। ऐसा प्रयास कुछ सरकार कर रही हैं अगर सभी वैसा ही करें तो सच में विकास समाज समाज के अंतिम पायदान पर पहुंच जाएगा। उन्होंने लेखक को शुभकामनाएं दी। बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि सभी की यह मांग होती है कि समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों का उद्धार हो लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा संभव नहीं हो पाता है। किसी के लिए काम करना और उसे जीवंत दस्तावेज के रूप में लिखित रूप से पेश करना यह सच में बहुत ही कठिन काम होता है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को बिहार विधान परिषद की पुस्तकालय के लिए खरीदा जाएगा।बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह समाज के अंतिम पायदान के लोगों के यथार्थ की कहानी के रूप में सजीव चित्रण करने वाला किताब है, जिसमें संवेदना सच्चाई वास्तविकता और उन्हें मिलने वाली चीजों के बारे में उल्लेख किया गया है। इस पुस्तक ने न केवल पाठकों से संपर्क स्थापित किया है, बल्कि लोगों को सच्चाई से भी रूबरू कराया है। कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार जिस तरीके से काम कर रही है और जिस उद्देश्य से लाभ दिया जा रहा है उसकी भी चर्चा करनी चाहिए और समाज के इस वर्ग के लिए बुद्धिजीवी लोगों के भी विचार सामने आनी चाहिए ।
विषय प्रवेश कराते हुए पुस्तक के लेखक भीम सिंह भवेश ने कहा कि मैंने समाज के अंतिम पायदान पर बसे लोगों के लिए जो कुछ किया है, उसे बस लिपिबद्ध करने की कोशिश की गई है। पूरी उम्मीद है कि यह किताब लोगों को समाज के हकीकत और वास्तविकता दोनों को एक साथ रूबरू कराएगी।

हाशिए पर हसरत” का लोकार्पण करते हरिवंश
सभा को सम्बोधित करते वरिष्ठ पत्रकार और पुस्तक के लेखक भीम सिंह भवेश

कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार श्रीकांत ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि मुसहर आमतौर पर समाज की सबसे उपेक्षित जाति होती है, जिसके बारे में कोई लिखता नहीं है लेकिन यह बड़े ही हर्ष का विषय है कि एक व्यक्ति ने ना केवल इस समाज के लिए कुछ किया बल्कि किए गए कार्यों को पूर्ण रूप से लिपिबद्ध भी किया। मंच संचालन किशोर केशव ने किया।इस मौके पर मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो जवाहरलाल, प्रो नीरज सिंह, विधायक राम विष्णु सिंह लोहिया, होटल मौर्या के महाप्रबंधक बीडी सिंह, डॉ धीरेंद्र सिंह, बिस्कोमान के एमडी राम प्रताप सिंह, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, डॉ वीरेंद्र सिंह, डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉ किस्मत कुमार सिंह, डॉ कुंदन सिंह, डॉ संजय कुमार सहित कई गणमान्य बुद्धिजीवी पत्रकार मौजूद थे।

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