5 महीने में यही न्याय है-आदित्य के पिता
पहले शहाबुद्दीन फिर राजबल्लभ यादव और अब रॉकी यादव ..वही रॉकी यादव जिसने ओवरटेक नहींकरने देने पर गया में व्यवसाई पुत्र आदित्य सचदेवा को गोली मार दी थी.रॉकी यादव को भी पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायायधीश ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.एक दो दिन में रॉकी यादव जेल से बाहर आ जायेगा.वैसे तो रॉकी यादव को कोर्ट से जमानत मिली है लेकिन इसमें आश्चर्य नहीं है क्योंकि जिस तरीके से आदित्य हत्याकांड में गया पुलिस की भूमिका रही थी उससे साफ था कि अदालत में आरोपी को फायदा मिलेगा और हुआ भी वही.आपको याद होगा की आदित्य हत्याकांड में शुरू से ही पुलिस की जाँच पर सवाल उठते रहे है. हालाँकि बैलेस्टिक रिपोर्ट में यह तो पुष्टि हो गई थी की गोली रॉकी के ही बरेटा पिस्टल से चली थी लेकिन गोली रॉकी ने खुद चलाई थी इसको लेकर सबूत जुटाने थे क्योंकि आदित्य के जो साथी घटना के वक़्त आदित्य के साथ थे उनलोगों ने भी खुलकर गवाही नहीं दी थी. हालाँकि रॉकी यादव के पिता बिंदी यादव क़ानूनी दांव पेंच के माहिर माने जाते है.राजबल्लभ कांड में भी यही रहा जाँच की बारीकियों का फायदा राजबल्लभ यादव को मिला. दरअसल जाँच ऐसी होती है कि अदालत में सरकारी वकील भी खामोश हो जाते है.आदित्य के पिता ने कहा कि रॉकी यादव को बेल देना दुखद घटना है. अपराधियों को बेल देना बिहार के लिए दुर्भाग्यपुर्ण है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतिश कुमार स्वयं मेरे घर आकर आश्वासान दिया था कि न्याय मिलेगा. 5 महीने में यही न्याय है. आदित्य की लड़ाई हमलोग नहीं लड़ेंगे. बिहार की जनता को इंसाफ देना है तो नीतिश कुमार स्वयं लड़ेंगे.अब एक बार फिर सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए रॉकी यादव की जमानत रद्द करने के लिए.