मुंबई,7 जुलाई. ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार का 98 वर्ष की आयु में बुधवार को निधन हो गया. वे पिछले कई दिनों से अस्वस्थ थे और कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उनका इलाज हिंदूजा अस्पताल में चल रहा था जहाँ बुधवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. हिंदूजा अस्पताल के डॉक्टर जलील पालकर ने दिलीप कुमार के निधन की पुष्टि की. वे दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित व्यक्ति थे. साथ ही वे राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. राजकीय सम्मान के साथ अभिनेता दिलीप कुमार के शव को जुहू क़ब्रिस्तान में शाम 5 बजे दफ़नाया गया.
दिलीप कुमार के ट्विटर हैंडल से सुबह 8 बजे उनके निधन की जानकारी ट्वीट की गई. यह ट्वीट उनके पारिवारिक मित्र फ़ैसल फ़ारूक़ी की ओर से किया गया.
ट्वीट में लिखा है, “भारी मन और गहरे दुख के साथ मैं यह घोषणा कर रहा हूं कि हमारे चहेते दिलीप साब कुछ देर पहले नहीं रहे. हम ख़ुदा की तरफ़ से आए हैं और उसी की ओर लौट जाना है.- फ़ैसल फ़ारूक़ी.”
PM मोदी ने भी जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिलीप कुमार के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट के जरिये इसे सांस्कृतिक दुनिया के लिए नुक़सान बताया है.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “दिलीप कुमार जी को एक सिनेमाई लीजेंड के रूप में याद किया जाएगा. वो अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे, जिससे पीढ़ी दर पीढ़ी दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए. उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए एक क्षति है. उनके परिवार, दोस्तों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं हैं. RIP.”
बिहार के मुख्यमंत्री ने भी दिलीप कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीटर पर अपनी सवेंदना व्यक्त किया है.
फिल्मी सफर:
11दिसंबर 1922 को पाकिस्तान के किस्सा ख्वानी बाजार में जन्मे यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार का फिल्मी कॅरियर 1944 में ‘ज्वार भाटा’ फिल्म से शुरू हुआ, लेकिन 1949 में बनी महबूब खान की फिल्म ‘अंदाज’ से वह चर्चा में आये. उनकी पहली हिट फिल्म “जुगनू” थी. 1947 में रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉलीवुड में दिलीप कुमार को हिट फिल्मों के स्टार की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया. ‘ट्रेजेडी किंग’ कहलाने वाले दिलीप कुमार ने अपने पाँच दशक लंबे करियर में ‘मुग़ले आज़म’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’, ‘राम और श्याम’ जैसी हिट फ़िल्में दीं. वे आख़िरी बार 1998 में आई फ़िल्म ‘क़िला’ में नज़र आये थे.
अंतिम विदाई के समय की कुछ तस्वीरें:
दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित दिलीप कुमार ने न सिर्फ फिल्मी दुनिया के रुपहले पर्दे पर राज किया था बल्कि लोगो के दिल पर उन्होंने वर्षो तक राज किया. उनके लिए जाति और धर्म किसी बन्धन में नही बंधे थे. उनके निधन की खबर के बाद कई फिल्मी हस्तियों ने उनके अंतिम दर्शन के लिए जहाँ उनके घर पहुँचे वही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उनके बेटे वन व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी दिलीप कुमार के घर उनके अंतिम दर्शन के किये पहुँचे और परिवार का ढांढस बनाया. पूरे राजकीय सम्मान के साथ घर से जुहू कब्रिस्तान तक जनाजा निकला.
PNCB