अपने अस्तित्व पर संकट से कैसे बचेगा VKSU!

विवि के अस्तित्व को बचाने के लिए छात्र संगठन लीड ने कुलपति को दिया ज्ञापन

आरा,2 जुलाई. अपने अस्तित्व पर संकट को VKSU कैसे बचाएगा? यह सवाल न सिर्फ छात्र और शिक्षक के मस्तिष्क में घूम रहा है बल्कि विवि के आलाधिकारियों व कर्मचारियों में भी घूम रहा है. बावजूद इसके हठपन में मेडिकल कॉलेज बनने की चर्चा है. एक व्यापक आन्दोलन के बाद भी विवि के कैम्पस में ही मेडिकल कॉलेज का बनना सरकार के जिद्दी रवैये का साफ संकेत है. जब आम छात्र और लोगों को इससे विवि के अस्तित्व पर खतरे का आभास हो रहा है क्योंकि UGC नियमों पर फिर जमीन का एक मानकीय पैमाने पर न होना एक सबसे बड़ा कारक है, वैसे में सरकार को यह बात क्यों नही समझ मे आ रही है?




छात्र संगठन लीड ने छात्रहित में विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम समस्याओं को देखते हुए VKSU के कुलपति को गुरुवार को ज्ञापन सौंपा. कुलपति को ज्ञापन के माध्यम से विश्वविद्यालय सम्बंधित तमाम समस्याओं से अवगत कराया है. जिसमें विश्वविद्यालय के ज़मीन पर मेडिकल कॉलेज बनने से उसके अस्तित्व एवम् मान्यता पर बढ़ रहे ख़तरे, नौकरियों के लिए जरूरतमंद छात्रों को विश्वविद्यालय के लापारवाही के वजह से समय पर सर्टिफ़िकेट एवम् अन्य दस्तावेज नहीं मिल पाता, इत्यादि शामिल है. कुलपति छात्रों की समस्याओं को देखते हुए विभिन्न मुद्दों पर त्वरित संज्ञान लेंगे ऐसी उम्मीद की जा रही है. बता दें कि अनिरुद्ध ने विवि परिसर में मेडिकल कॉलेज बनने का विरोध किया था और आमरण अनशन भी किया था. अपने विवि के अस्तित्व को बचाने के लिए अनिरुद्ध ने अपने जान की बाजी लगा दी थी, जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद अनुरुद्ध ने अनशन उस वक्त तोड़ा था जब अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज नही बनने की बात पर अपनी भी मुहर लगाई थी.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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