भोजपुरी में नामांकन को लेकर VKSU उदासीन.
परेशान हैं भोजपुरी में पीजी में नामांकन लेने के इच्छुक अभ्यर्थी
आरा,17 जून. वीकेएसयू में भोजपुरी में पीजी में नामांकन लेने के इच्छुक अभ्यर्थी ऑनलाइन अप्लाई करने पर परेशान हैं. दरअसल ऑनलाइन पोर्टल पर नामांकन के फॉर्म में भोजपुरी का विकल्प ही नहीं दिखा रहा है. इससे भोजपुरी प्रेमी अभ्यर्थियों को यह लग रहा है कि इसबार भोजपुरी का नामांकन ही विवि नहीं लेगा. इस बारे में डीएसडब्ल्यू से पटना नाउ ने पूछा तो उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल पर जिस विषय से जो भी स्नातक प्रतिष्ठा किया है वे उसी विषय में पीजी के लिए अप्लाई करें, बाद में सेकेंड लिस्ट में भोजपुरी और अन्य विषयों जैसे प्राकृत-जैनिज़्म, लोक प्रशासन में अभ्यर्थी नामांकन करा सकते हैं. हालांकि इस नियम की जानकारी कितने छात्रों को है यह किसी को नहीं पता. पिछले बार भी नामांकन के समय ऐसा ही हुआ था. छात्रों ने फॉर्म तो इस सलाह के बाद जरूर भरा लेकिन जब सेकेंड लिस्ट की बात आई तो छात्रों को एक टेबुल से दूसरे टेबुल तक कभी ऑनलाइन पोर्टल के चक्कर में भटकना पड़ा और अंततः छात्रों ने नामांकन नहीं लिया. जबकि राजभवन द्वारा जारी आदेश में यह उल्लेखित है किसी संकाय का विद्यार्थी दूसरी संकाय में भी नामांकन ले सकता है. बी एच यू के भोजपुरी विभाग में भी यह प्रावधान है कि दूसरे विषयों के स्नातक पढ़ाई कर सकते हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि भोजपुरी में उच्च शिक्षा और शोध को प्रोत्साहन मिले. पटना नाउ ने जब इस समस्या के समाधान के लिए पोर्टल को ओपन करने के लिए रिक्वेस्ट किया तो वे चिढ़ते हुए बोले कि केवल आपलोग के पास ही शिकायत आती है हमारे पास क्यों नही आती?
डीन का कहना है कि स्नातक में भोजपुरी की पढ़ाई भोजपुर और छपरा के कई सम्बद्ध कॉलेजों में होती है. उनका तर्क बेबुनियाद है क्योंकि इस विवि के सम्बद्ध कॉलेजों में विभिन्न जिले के केवल महिला कॉलेजों में ही और वह भी नाम मात्र की सीट उपलब्ध है. स्नातकोत्तर में बिहार से बाहर के कई इच्छुक छात्र नामांकन लेने से वंचित हो जाएंगे और सीटें खाली रह जाएंगी.
बताते चलें कि इस तरह के विवि के रवैये के बाद छात्रों के साथ भोजपुरी प्रेमी जनता में गुस्से में है. उनका कहना है कि विवि के रवैये के कारण बार-बार भोजपुरी की दुर्गति हो रही है.VKSU ही एकमात्र विवि है जहां भोजपुरी की उच्च शिक्षा उपलब्ध है परंतु विवि के अधिकारियों के सौतेले व्यवहार के कारण भोजपुर क्षेत्र में ही भोजपुरी शिक्षा की पढ़ाई बन्द होने के कगार पर है. कल भोजपुरी बचाओ अभियान से जुड़े लोग विवि के अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात करेंगे और यदि भोजपुरी में सीधे नामांकन के लिए पोर्टल नहीं खोला गया तो आन्दोलन करने से पीछे भी नहीं हटेंगे. गोरखपुर से आकृति दूबे, दिल्ली से अभिषेक प्रीतम, विकास प्रसाद ने बताया कि वे परेशान हो गए हैं और अच्छा तो यह होता कि सीधे नामांकन के लिए पोर्टल खोल दिया जाता बाद में स्नातक प्रतिष्ठा के विषय और प्राप्तांक के आधार पर मेरिट लिस्ट निकलती. बी कॉम के छात्र शंकर को भी लोकप्रशासन विषय के लिए अप्लाई करने में यही समस्या आ रही है.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट