3-4 जून को चलेगा हस्ताक्षर अभियान
आरा,2 जून. भोजपुरी पेंटिंग्स को जिला मुख्यालय में भी जगह नही मिलने से जिला के कलाकार आक्रोश में कलाकार हैं. रेलवे द्वारा रेलवे परिसर में भी भोजपुरी पेंटिंग का उपयोग नही करने को लेकर बेहद दुःखी हैं. इसके विरुद्ध कल से वे हस्ताक्षर अभियान रेलवे परिसर में ही चलाएंगे और उसके बाद रेलवे को इसे भेजा जाएगा. ऐसी खबर है कि आरा रेलवे परिसर का सौंदर्यीकरण हो रहा है जिसे मैथली पेंटिंग से सजाया जाएगा. इसके पूर्व भी रेलवे ने स्टेशन परिसर में स्थित टिकट घर मे मैथली पेंटिंग का ही उपयोग किया था जिसका यहाँ के कलाकारों ने विरोध किया था इस सम्बंध में ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था और भोजपुरी पेंटिंग का भोजपुरिया क्षेत्र में उपयोग करने की रिक्वेस्ट किया था लेकिन उसपर ध्यान नही देने से इस बार कलाकारों में आक्रोश व्याप्त है. पूर्व मध्य रेलवे,दानापुर द्वारा आरा रेलवे प्लेटफॉर्म पर मधुबनी चित्रकला के अंकन कराये जाने एवं भोजपुरी चित्रकला को अवसर नहीं प्राप्त होने पर जयप्रकाश नारायण स्मारक के पास आयोजित बैठक में कही पिछले दिनों 31 मई को एक बैठक कर आगे की रणनीति भी बनाई थी.
बैठक में उपस्थित वरिष्ठ रंगकर्मी और पत्रकार रवींद्र भारती ने कहा
था कि भोजपुरी चित्रकला भोजपुरी भाषी क्षेत्र की संस्कृति एवं पहचान है. भोजपुरी भाषी क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों एवं सार्वजनिक स्थानों पर भोजपुरी चित्रकला को अंकित होने का अवसर नहीं देना, इस क्षेत्र की जनता का अपमान है.
बैठक में उपस्थित कलाकारों एवं सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में मधुबनी चित्रकला लगाये जाने को लेकर आक्रोश और भारी विरोध था. वरिष्ठ रंगकर्मी कृष्णेन्दु ने कहा कि हमारा विरोध मधुबनी चित्रकला से नहीं अपितु भोजपुरी भाषी जिला के मुख्यालय आरा के रेलवे स्टेशन पर भोजपुरी चित्रकला को जगह नहीं देने से है. हमलोग सफलता मिलने तक लगातार संघर्ष करते रहेंगे.
भोजपुरी मैथिली अकादमी, नई दिल्ली के सदस्य रवि प्रकाश सूरज ने कहा कि हम भोजपुरी भाषियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर था, जिसके माध्यम से हम लोगों को भोजपुरी संस्कृति के इस महत्वपूर्ण पहलू से जनमानस को परिचित कराते. वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और कलाकार विजय मेहता ने कहा कि हमें अब ठोस रणनीति बनाकर भोजपुरी चित्रकला को स्थापित करने के लिए कार्य करना होगा.
वरिष्ठ चित्रकार कमलेश कुंदन ने कहा कि सामूहिकता से हर संबंधित स्थान पर दबाव बना कर हम भोजपुरी चित्रकला को सम्मान और उचित स्थान दिल सकते हैं. भोजपुरी संस्कृति के संरक्षण हेतु वर्षों से संघर्षरत सुनील कुमार पाण्डेय ने कहा कि हम भोजपुरी भाषियों को अपनी पहचान को बचाने के लिए एकजुट होकर निरन्तर कार्य करना होगा.
युवा चित्रकार कौशलेश ने कहा कि सर्वप्रथम हमें अपने जनप्रतिनिधियों को इस विषय के प्रति संवेदनशील बनाना होगा. विषय प्रवेश करते हुए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भास्कर मिश्र ने कहा कि जो भी व्यक्ति भोजपुरी भाषा और संस्कृति से स्वयं को जुड़ा महसूस करता हो उसे इस संघर्ष में जोड़ना होगा.
रंगकर्मी और पत्रकार ओ पी पांडेय ने कहा कि हमें जमीनी स्तर पर बहुतायत में कलाकारों को तैयार करना होगा और सार्वजनिक स्थानों पर भोजपुरी चित्रकला लगाकर जनजागरण भी किए जाने की आवश्यकता है.
सर्वसम्मति से भोजपुरी चित्रकला को हर प्लेटफॉर्म पर अवसर दिलाने के लिए भोजपुरी कला संरक्षण एवं संवर्धन मोर्चा का गठन किया गया. इस मोर्चे के माध्यम से न केवल भोजपुरी चित्रकला बल्कि पारंपरिक भोजपुरी गीतों,कथाओं,वस्तुओं आदि के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सतत प्रयास और संघर्ष जारी रहेगा. इसी श्रृंखला में आरा रेलवे स्टेशन पर दो दिवसीय हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. रेलमंत्री, स्थानीय सांसद, विधायक,पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, मण्डल रेल प्रबंधक,स्टेशन प्रबंधक आदि को ज्ञापन देकर अनुरोध किया जाएगा. इस बैठक में रुपेश पांडेय, कमलदीप आदि उपस्थित थे. बैठक में सोशल डिस्टेंनसिंग का पालन करते हुए कलाकारों ने अपनी-अपनी बातों को रखा था. वही तय किया गया कि हस्ताक्षर अभियान चलाकर रेलवे और सम्बंधित विभाग को सौंपा जाएगा. कल से चलने वाले 2 दिवसीय हस्ताक्षर अभियान में देखना यह होगा कि कितने लोग भोजपुरी के इस अभियान को अपना हस्ताक्षर देकर समर्थन करते हैं.
आरा से सत्य प्रकाश सिंह की रिपोर्ट