नर्क-लोक जाना है…. तो यहाँ आइये

गोढना रोड – नर्क का प्रवेश द्वार

Patna Now Special




आरा, 25 मई. आइये आपको नर्क की सैर कराते हैं. कहते हुए खराब तो लग रहा है लेकिन यकीन है कि आप खुद से देखने के बाद जरूर मान लेंगे कि हाँ सचमुच ये नर्क ही है. यह जगह कही और नही बल्कि आरा शहर के ही घनी आबादी वाले इलाके में हैं जो स्टेशन से महज कुछ कदमों की दूरी पर है जहाँ आप खुद से चलकर जा सकते हैं. हाँ गाड़ी या साइकिल के साथ कोशिश मत कीजियेगा क्योंकि यहाँ पैदल चलना खतरे से खाली नही है तो खुद समझ लीजिए साइकिल या मोटरगाड़ी आपको और आफत में डाल देगी.

आरा नगर निगम क्षेत्र का एक वार्ड है वार्ड नम्बर 45. इस वार्ड में पड़ने वाले मुख्य रोड यानि गोढना रोड की वह दुर्दशा है कि बयान करना भी मुनासिब नही लगता. इसी वार्ड में रहते हैं पूर्व मेयर सुनील यादव और पूर्व मेयर प्रियम. अपने कार्यकाल के दौरान मेयर ने शहर में खूब काम किया लेकिन अपने ही वार्ड में अपनी वार्ड की नरकीय दशा को ठीक नही कर सके. हालत यह है कि आज भी गोढना रोड किसी नरक से कम नही है.

गोढना रोड की सड़क का हाल यह है कि बरसात भी यहाँ आने से शर्माती है. सालोभर मुख्य सड़क पर ही जल जमाव लगा रहता है. सड़क पर इतने गड्ढे हैं कि गिन पाना सिर के बाल गिनने जैसा है. तीन दिन पहले ताउते तूफान के कारण पूरे देश भर में 2-3 दिनों तक वर्षा हुई. बारिश होते ही यह रोज तरणताल बन गुलजार हो गया. पानी भरने से स्थिति यह हो गयी कि नाली और सड़क में भेदभाव मिट गया. यह भेदभाव उसी तरह मिट गया जिस तरह हमारे लोकतंत्र में समानता के अधिकार हर जाति और धर्म के लिए है.
बस यूं समझिये कि तरणताल में सिर्फ नाले ही नही सड़क भी समानता के अधिकार को प्राप्त कर चुके थे. हाँ इस समानता के अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद नालियाँ और सड़कें इससे गुजरने वाले हर राहगीरों से आँख मिचौली करते हैं. कभी नालियां अपने आगोश में तो कभी सड़के अपने आगोश में यात्रियों को लेते रहती हैं. ऐसी परिस्थितियों में कभी-कभी यात्रियों और राहगीरों की हड्डियां तक छटक जाती हैं.

यह स्थिति पहली बार नही हुई है बल्कि कई बार ऐसा हुआ है. हर बार जल जमाव से बनते नरकीय परिस्थितियों से तंग आकर कई बार लोगों ने रोड पर धान रोपनी तक कर निगम शर्मसार किया लेकिन निगम बेशर्मी की चादर ओढ़े अपने पुराने लहजे में ही आज भी कायम है. गोढना रोड के इस नारकीय स्थिति के लिए न तो BJP को चिंता है और न ही JDU को और ना ही RJD, माले, जाप या अन्य पार्टियों को. किसी ने इस नरक में जी रहे लोगों से कुछ पूछने की जहमत नही उठायी? हो सकता है इंतजार हो रहा हो किसी खास वर्ग के उस व्यक्ति के मौत का जो रास्ते का ग्रास बन स्वर्ग सिधार जाय तो इनकी इंसानियत जाग उठेगी.

मुहल्ले के इस दुर्दशा के लिए जब इस वार्ड के पूर्व पार्षद सह वर्तमान वार्ड पार्षद रेणु देवी के प्रतिनिधि व  भाजपा के चुनाव आयोग सेल के संयोजक अमरेंद्र चौबे से पटना नाउ ने पूछा तो उन्होंने बताया कि वे गोढना रोड के लिए लगातार आवाज उठाते रहे हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ सड़क ही नही बल्कि गलियों के लिए भी वे दर्जनों बार कम्प्लेन कर चुके हैं. जल्द ही सड़क के साथ गलियों के मरम्मत का भी कार्य शुरू होगा.

(कल पढ़िए – कैसे बन गया स्टेशन के समीप का गोढना रोड नर्क?)

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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