लापरवाह संवेदकों पर लगी लगाम, 20 दिनों का निगम ने दिया अल्टीमेटम


शिकायत करने पर मिलती थी धमकी फिर भी 14वीं बार लिखित शिकायत की दर्ज


आरा नगर निगम बोर्ड को वार्ड पार्षद ने दी लिखित शिकायत
लम्बित योजनाओं को पूरा नही करने वालों पर कार्रवाई की मांग की




निगम ने कहा अगर 20 दिनों के भीतर लम्बित योजनाओं को पूरा नही किया गया तो सभी निविदाएं होंगी रदद्

Patna Now Special report

आरा, 25 मार्च. आरा नगर निगम किस तरह भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा है इसकी मिसाल उस वक्त देखने को मिली जब 13 बार ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के बाद भी वार्ड पार्षद की शिकायत पर कोई कार्रवाई तो दूर उल्टे उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गयी. धमकी की परवाह किये बिना वार्ड पार्षद ने आपने वार्ड के विकास की जिम्मेदारी के लिए पुनः लिखित शिकायत की एक फेहरिस्त तैयार की और आरा नगर निगम बोर्ड की साधारण बैठक में इसे सौंप दिया. ये घटना कहीं और का नही बल्कि भोजपुर मुख्यालय आरा का है और  वार्ड पार्षद कोई और नही बल्कि वार्ड 45 पार्षद रीना देवी का है. हालाँकि उनकी 14 वीं बार दिए इस शिकायत के बाद बोर्ड की साधारण बैठक में सार्वजनिक रूप से पढ़ा गया और योजनाओं के शिथलीकरण से हर ओर विकास की अवरुद्ध पड़ी गति को देखने के बाद निगम एक्शन में आ गया और पिछले 4 वर्षों में जारी किए गए सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए संवेदको को 20 दिन का अल्टीमेटम देते हुए यह कहा अगर इस अवधि में लंबित कार्यों को पूरा नही किया गया तो सभी निविदाएं निगम की ओर से रदद् कर दिया जाएगा. इस आदेश के बाद सभी वार्ड सदस्यों में खुशी की लहर है वहीं संवेदको के सर पर खतरे का बादल मंडराने लगा है. अब देखना यह होगा कि विभाग की मिलीभगत से जो वर्षो से काम नही हो पाया वह 20 दिन में कैसे पूरा हो पायेगा ? बहरहाल शिकायत वाले पत्र में क्या था आइये जानते हैं पटना नाउ की जुबानी पूरी कहानी….

आरा शहर के वार्ड 45 में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय एवं नल जल योजना के नाम पर नगर निगम द्वारा  1 दर्जन से ज्यादा प्रकाशित निविदा का कार्य आवंटन एवं एकरारनामा होने के बाद भी अबतक कार्य नही कराया है जिसको लेकर वार्ड 45 की वार्ड पार्षद रीना देवी ने ने आरा मेयर और नगर आयुक्त को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है.

पत्र में उन्होंने उपर्युक्त कार्यों के पूरा नही होने को एक साजिश व दुर्भावना से प्रेरित बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि महादलित वर्ग की प्रतिनिधि होने के कारण जान बूझकर उन्हें महादलित होने का अहसास दिलाया जा रहा है. यही कारण है कि 5 वर्ष  बीत जाने के बाद भी उनके वार्ड में संवेदक द्वारा कार्य को पूरा नही कराया गया है. उन्होंने कार्य को न संपादित करने वाले और इसमें ढिलाई बरतने वालों पर उचित करवाई करने  की मांग की है.

वार्ड पार्षद ने पत्र में यह भी जिक्र किया है कि उपरोक्त विषय से सम्बंधित उन्होंने स्वंय और अपने निजी प्रतिनिधि अमरेन्द्र चौबे के ईमेल आईडी- [email protected], [email protected] द्वारा  विभाग के ऑफिसियल ईमेल ID पर दिनांक  06.11.20 , 09.11.20  , 30.11.20 , 03 .12.20 , 27.01.21, 1.02.21 , 06.02, 21, 11.02.21 , 18.02.21 , 26.02.21, 02.03 .21, 07.03.21, और 17.03 .21 को इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार किया था. इसके अतिरिक्त अन्य कई स्थानीय लोगो द्वारा भी उक्त सम्बन्ध में कार्यवाही हेतु पत्राचार किया गया था.

उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि बहुत दुख के साथ उन्हें कहना पड़ रहा है कि आरा नगर निगम व बुडको द्वारा  निविदा प्रकाशित कर संवेदक को वर्षो पहले कार्य आवंटन एवं एकरारनामा  करने के बाद भी संवेदक द्वारा उक्त कार्य को  दुर्भवना से ग्रसित होकर अभी तक धरातल पर नही किया जा सका हैं जबकि योजना निर्माण के नाम पर कई पथ को संवेदक द्वारा तोड़ कर छोड़ दिया गया है.

केंद्र एवं राज्य सरकार  द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि  हर घर में नल का जल और हर गली पक्कीकरण हो सके, लेकिन उक्त योजना के नाम पर सरकार द्वारा अरबों रुपए  खर्च के बाद भी मुहल्ले वासियों को जहाँ अब तक नल का जल नहीं मिल सका वही गली के पक्कीकरण का भी कार्य ठंडे बस्ते है. हाँ एक काम जरूर हुआ है और वह हैं कि पहले से निर्मित सारे पथ को योजना निर्माण के नाम पर  तोड़ कर छोड़ दिया गया  है जिससे आए दिन दुर्घटना जरूर हो रहा है और लोगो का घर से निकलना मुश्किल हो गया है

ये हैं 45 वार्ड के अभागे जगह जहाँ काम नही हुआ है

वार्ड 45 में बंगला कॉलनी, गोढ़ना पथ, गोढ़ना पथ से सटे प्रताप द्वार के सामने वाला गली, कॉपरेटिव कॉलानी के कई पथ, पॉवरगंज के कई पथ, शिवालय गली, कैलाश नगर से सटे कई पथ एवं  वार्ड 45 के अन्य कई पथों का काम नही हुआ है. ऐसा सिर्फ 45 वार्ड ही नही बल्कि आरा शहर  के विभिन्न वार्डो के सैकड़ो पथ हैं,जिन्हें नल-जल योजना निर्माण के नाम पर तोड़ कर छोड़ दिया गया है.

इससे साफ प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार किस चरम सीमा तक है. यही नहीं उक्त वार्ड में दुर्भावना से ग्रसित होकर जानबूझकर कार्य नही किया जा रहा है क्योंकि उक्त वार्ड  को सरकार ने स्लम एरिया घोषित किया है  और इसके साथ ही यहां की पार्षद यानी मैं(रीना देवी) महादलित वर्ग से आती हूँ.

विभाग से मिलती है ये धमकी

यही नहीं कार्य कराने  के लिए  विभाग को दर्जनो पत्रचार करने पर अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के धमकी भी सुनने को मिलता हैं. ऐसा बोला जाता है कि बार-बार अगर विभाग को शिकायत हुए हैं. लेकिन आप एवं आपके परिवार सहित निजी  प्रतिनिधि  को साजिश का शिकार अवश्य बना दिया जाएगा अगर आपको अंजाम  भोगना है तो जरूर आप पत्राचार करो.कीजिएगा तो काक्योंकिआरार्य तो नही होने वाला है, नगर निगम इस भ्रष्टाचार के खेल में सभी लोग मिले

पत्र के अनुसार आरा नगर निगम द्वारा सात निश्चय योजना के नाम पर 45 वार्ड में करोड़ों करोडों की निविदा प्रकाशन की गई थी. उक्त कार्यों को विभाग द्वारा संवेदको के साथ कार्य आवंटन एवं एकरारनामा किया गया. लेकिन  4 से 5 साल बाद भी दर्जनों ऐसे कार्य हैं जिसे  संवेदक द्वारा आज तक पूरा नहीं किया गया. मजेदार बात यह है कि कामचोर और निक्कमे इन संवेदको पर कार्य में लापरवाही करने को लेकर कार्यवाही की जगह नगर निगम द्वारा पुनः उन्ही संवेदको को कई कार्य आवंटन किया है जो नियमानुकूल नहीं है.

आरा नगर निगम  के वार्ड 45 में संवेदकों की लापरवाही के बाद भी उन्हें निगम ने दिया काम

(A)   NIT संख्या 09 /अभी0/ 2016-17 ग्रुप संख्या 10  में अंकित कार्य जिसका एकरारनामा  3 वर्ष पहले होने के बाद भी संवेदक द्वारा योजना स्थल पर कार्य कराने के नाम पर कई महीनों पहले पथ को तोड़ कर छोड़ दिया गया है, जिससे आए दिन दुर्घटना हो रहा है विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पा रहा है. सवाल यह उठता है कि
संवेदक को ज्ञापांक 2125 दिनांक 21.12 .2020 को सिर्फ नोटिस देकर क्यों छोड़ दिया गया हैं .?

( B ) NIT संख्या 09 /अभी0/ 2016-17 ग्रुप संख्या 09  में अंकित कार्य जिसका एकरारनामा  3 वर्ष पहले होने के बाद भी संवेदक द्वारा उक्त योजना को अधूरा कर छोड़ा दिया गया बावजूद इसके
संवेदक को ज्ञापांक 2126 दिनांक 21.12 .2020 को सिर्फ नोटिस देकर क्यों छोड़ दिया गया हैं .?

(C) NIT संख्या 05 /अभी0/ 2016-17 ग्रुप संख्या 51  में अंकित कार्य जिसका एकरारनामा  3 वर्ष पहले होने के बाद भी संवेदक द्वारा उक्त कार्य को आज तक प्रारंभ नहीं हुआ फिर भी संवेदक को ज्ञापांक 2124 दिनांक 21.12 .2020 को सिर्फ नोटिस देकर क्यों छोड़ दिया गया हैं ?

( D ) NIT संख्या 01/अभी0/ 2016-17 ग्रुप संख्या 09 एवं इसी निविदा आमंत्रण सूचना संख्या के अन्य ग्रूप संख्या जिसके माध्यम से आरा शहर के  1 से 45  वार्ड तक  पाइप बिछाकर नल का जल घर-घर तक पहुंचाना था, जो  वार्ड 45 सहित कई वार्डो में नल का जल आज तक नहीं पहुंच पाया जबकि राशि की निकासी कार्य से ज्यादा हो चुका है. एकरारनामा  3 वर्ष पहले हुआ लेकिन संवेदक द्वारा उक्त कार्य को अब तक पूरा नहीं किया जा सका.

( E ) NIT संख्या 03/अभी0/ 2020-21 ग्रुप संख्या 121 में अंकित कार्य जिसका एकरारनामा  6 माह पहले होने के बाद भी संवेदक द्वारा उक्त कार्य को अब तक प्रारंभ नहीं किया गया लेकिन कार्रवाई की जगह
संवेदक को ज्ञापांक 2122 दिनांक 21.12 .2020 को सिर्फ नोटिस देकर छोड़ दिया गया !

( F ) NIT संख्या 12 /अभी0/ 2019 -20  ग्रुप संख्या 86  में अंकित कार्य  जिस कार्य का आवंटन संवेदक को  2 वर्ष पहले  किया गया है जबकि संवेदक द्वारा उक्त कार्य को आज तक प्रारंभ नहीं किया गया , जबकि विभाग द्वारा आज तक किसी प्रकार का कोई कार्रवाई भी नहीं की गई हैं.

( G ) NIT संख्या 02 /अभी0/ 2020 -21  ग्रुप संख्या  : 1 , 2  ,3 , 4 , 6  में अंकित कार्य  जिस कार्य का आवंटन संवेदक को  6 माह पहले  किया गया है पर उक्त कार्य आज तक प्रारंभ नहीं हुआ, लेकिन विभाग द्वारा आज तक किसी प्रकार का कोई कार्रवाई नहीं की गई.

( H ) NIT संख्या 03 /अभी0/ 2020 -21  ग्रुप संख्या  1 में अंकित कार्य  जिस कार्य का आवंटन संवेदक को  6 माह पहले  किया गया है ,जबकि संवेदक द्वारा उक्त योजना स्थल पर नाली निर्माण के नाम पर 400 फीट लंबा और 4 फीट गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है, जिससे आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही है और मोहल्ले के लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है. इस बारे में विभाग को कई बार सूचना देने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं किया गया है.
( I ) NIT संख्या 03 /अभी0/ 2019-20 ग्रुप संख्या  2 में अंकित कार्य का आवंटन संवेदक को  6 माह पहले  किया गया है , लेकिन कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हो पाया .

( J ) NIT संख्या 01/अभी0/ 2018-19  ग्रुप संख्या 50 ,  NIT संख्या 05/अभी0/ 2018-19   ग्रुप संख्या – 34  में  अंकित कार्य वार्ड संख्या 45 में सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य ( अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित ) जिसका एकरारनामा  2 वर्ष पहले होने के बाद भी संवेदक द्वारा उक्त कार्य को आज तक प्रारंभ नहीं किया गया. इसपर भी विभाग द्वारा आज तक कोई करवाई नहीं की गई.

( K ) NIT संख्या 05 /अभी0/ 2019-20 ग्रुप संख्या  77 में अंकित कार्य अशोक पांडे से संजय मिश्रा, शंभू शर्मा से अकालु सिंह और सुधीर गिरी से नेताजी तक गली-नली निर्माण के कार्य का आवंटन संवेदक को  2 वर्ष पहले किया गया था , लेकिन कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ हैं .

( L) NIT संख्या 12/अभी0/ 2019-20 ग्रुप संख्या  85 में अंकित कार्य का आवंटन संवेदक को 1 वर्ष पहले  किया गया, लेकिन कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ.
( M ) NIT संख्या 12/अभी0/ 2019-20 ग्रुप संख्या  87 में अंकित कार्य   ,जिस कार्य का आवंटन संवेदक को  1 वर्ष पहले  किया गया है , लेकिन कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ.

(N ) आरा नगर निगम अंतर्गत गोढना रोड  निर्माण कार्य ..2016 -17  नगर निगम द्वारा निविदा प्रकाशन की गई थी जिसमें कई संवेदक ने भाग लिया था. जिसके पश्चात लॉटरी प्रक्रिया से संवेदक को 2020 में कार्य आवंटन कर विभाग द्वारा एकरारनामा किया गया. यही नही आरा नगर निगम द्वारा उक्त पथ का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री से भी कराया गया. उसके बाद संवेदक द्वारा योजना स्थल पर कार्य प्रारंभ किया गया और योजना कराने के नाम पर एक साजिश के तहत दुर्भावना से ग्रसित होकर उक्त पथ  को तोड़ कर छोड़ दिया गया जिसके बाद से आए दिन दुर्घटना देखने को मिलती है. इस सम्बंध में  जब नगर निगम के मुख्य अभियंता से संपर्क किया गया तो उन्होंने उक्त पथ के नाम पर विभाग से पैसा अपर्याप्त होने का कारण बताया और कहा कि विभाग को  राशि उपलब्ध करने के लिए पत्राचार किया गया है.  जबकि उक्त  पथ के नाम पर 2106 -17 में ही 131.914 रुपये नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्राप्त कराया गया था. तत्पश्चात अधीक्षण अभियंता शहरी विकास अभिकरण नगर विकास विभाग बिहार पटना  के द्वारा 26.11.16 को पत्रांक 11 न0 व0 अभी 0 को0 27 /2014 / 1859  से  तकनीकी स्वीकृति भी प्रदान की गई थी. जिस राशि को बिना नगर विकास एवं आवास विभाग के सहमति से दूसरे योजना के नाम पर खर्च कर लूट खसोट कर लिए गया.

लूट-खसोट की बात को छुपाने के लिए अपर्याप्त राशि दिखाकर विभाग को पत्रचार कर गुमराह भी किया जा रहा हैं जो जांच का विषय है. अगर विभाग की बात मान भी ली जाए तो सवाल यह उठता है कि जब राशि उपलब्ध नहीं थी तो उक्त योजना के नाम पर नगर निगम द्वारा टेंडर कर संवेदक को कार्य आदेश और फिर संवेदक के साथ एकरारनामा  किस नियम के तहत किया गया ?

(O) NIT संख्या 03 /अभी0/ 2020 -21  ग्रुप संख्या  45 में अंकित कार्य  जिस कार्य का निविदा प्रकाशन हुआ था उक्त  कार्य को संवेदक को आवंटन नहीं किया गया था, जबकि  संबंधित अधिकारी को कई बार कहने के बाद भी उक्त निविदा को दोबारा नहीं कराया जा रहा है. जबकि नियमानुसार उक्त निविदा का प्रकाशन  पुनः किया जाना चाहिए.

मेयर और नगर आयुक्त को दिए पत्र में वार्ड 45 की वार्ड पार्षद ने लिखा है कि महोदय उपरोक्त सारी योजनाओं को आज तक धरातल पर नहीं करना और उक्त सभी कार्य को पूर्ण कराने हेतु बार-बार विभाग के संबंधित पदाधिकारी से आग्रह करने के बाद भी विभाग के द्वारा जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं करना
यह साबित करता है ये मुझे  परेशान करने हेतु और वार्ड के विकास को बाधित करने हेतु जानबूझकर दुर्भावना से ग्रसित होकर किया गया है.  विभाग एवं संवेदक की मिलीभगत से उक्त वार्ड  में उक्त सारे निविदा का प्रकाशन एवं कार्य आवंटन के साथ एकरारनामा के बाद भी साजिशन आज तक नहीं करना मुझे नीचा दिखाने के लिए किया गया है क्योंकि मैं महिला के साथ-साथ महादलित वर्ग से आती हूँ.

शायद इसीलिए संयुक्त सचिव  एवं जिला अधिकारी के आदेश के 80 दिन बाद भी जांच पदाधिकारी द्वारा मेरे आवेदन पर कोई कार्रवाई  करना मुनासिब  नहीं समझा गया.  यही नही उक्त  लापरवाही की वजह से पिछले विधानसभा चुनाव में हमारी सरकार को काफी फजीहत भी झेलनी पड़ी थी.

मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरे प्रतिनिधि सह भाजपा भोजपुर चुनाव आयोग सेल के संयोजक सह पूर्व पार्षद अमरेन्द्र के आवेदन के आलोक में  भोजपुर जिला अधिकारी के द्वारा उक्त पर  त्वरित कार्रवाई हेतु 80  दिन पहले पत्रांक 18 दिनांक  04.01.21  को एक आदेश जारी करते हुए डीसीएलआर और पथ प्रमंडल के अभियंता को करवाई हेतु निर्देशित की गई थी, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि उनके द्वारा भी अब तक जांच शुरू नहीं किया जा सका.  PHED  विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा भी इस पर कार्रवाई हेतु पत्रचार किया गया है लेकिन उनके भी आदेश पर अब तक कार्रवाई लंबित है.

अतः आपसे आग्रह है कि  वार्ड 45 में संवेदक द्वारा जहां-जहां पर नल-जल के नाम पर बुडको एवं आरा निगम के संवेदक द्वारा सड़क को  योजना निर्माण के नाम पर  तोड़ कर गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है , वैसे सभी योजनाओं को स्थगित करते हुए नियमानुसार संवेदक को अगले किसी भी नए निविदा आवंटन पर रोक लगाया जाए और इनको काली सूची में अंकित किया जाए.  ताकि नगर निगम के निविदा आवंटन नियमों का पालन सही तरीके से किया जा सके और पूर्व के कार्य पूर्ण होने के बाद हीं संवेदक को नया निविदा आवंटन किया जाए तथा कार्य पूर्ण न होने तक भुगतान पर रोक लगाया जाए.

उक्त सभी कार्यों को यथाशीघ्र कराने का निर्देश देने की कृपा की जाए इसके साथ ही उक्त लापरवाही में  सम्मिलित सभी लोगों पर कठोर कार्रवाई करने की कृपा की जाए ताकि सरकार की हो रही बदनामी पर अंकुश लग सके.
इस पत्र की प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री बिहार, माननीय उप मुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार,प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग, प्रमंडलीय आयुक्त पटना प्रमंडल पटना को भी भेजा गया है.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

Related Post