इन्डियन आइडल के तीन राउंड पार कर चौथे राउंड में पहुंचा आरा का लाल

भोजपुर(आरा)



आरा की धरती ना तो पहले कभी सांस्कृतिक सुगंध से वंचित रही है और ना ही अभी है. आरा की मिट्टी की सुगंध राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक बिखरी है. इतना ही नहीं यहां की गुरु शिष्य परंपरा एवं यहां के गुरुओं से मिलने वाली तालीम हर एक संगीत सिखने वालों का मार्गदर्शन करती रही है.




गुरु बक्शी विकास से तालीम लेकर निखिल रंजन ने फेमस रियलिटी शो इन्डियन आइडल के तीन राउंड पार कर चौथे राउंड में पर्सनल इंटरव्यू दे चुके हैं. निखिल रंजन हाथों में गिटार लेकर जब गुनगुनाते हैं तो सुनने वाले बस मंत्रमुग्ध हो जाते है. निखिल रंजन को संगीत विरासत में मिला है. निखिल के परिवार में संगीत तीन पीढ़ीयों से चली आ रही है. इनके नाना पंडित दुधेश्वर लाल बहुत बड़े शास्त्रीय गायक व संगीत के विद्वान रहे. बड़ी मौसी विदुषी कमला देवी और विदुषी बिमला देवी आकाशवाणी व दूरदर्शन मशहूर गायिका हैं. मामा शिवंदन प्रसाद श्रीवास्तव तबला के विद्वान हैं. तीसरी पीढ़ी में इनकी बहन अंजलि बाला व भाई मोहनवीणा एवं अंतर्राष्ट्रीय कथक नर्तक बक्शी विकास व पूजा कुमारी कथक तथा सुप्रिया कुमारी शास्त्रीय गायन के कुशल कलाकार हैं.

इलाहाबाद एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय से इंजिनियरिंग कर चुके निखिल को साथ मिला अजीज दोस्त राहुल कुमार का. राहुल ने निखिल को गिटार बजाना सिखाया. पढ़ाई के बाद अक्सर निखिल और राहुल घन्टो गिटार बजाने लगे और धीरे धीरे यह शौक जुनून बन गय़ा. सन 2006 में उत्तर प्रदेश के बरेली में ऑल इन्डिया कलचरल एशोसिएशन द्वारा अखिल भारतीय नाट्य नृत्य महोत्सव में प्रथम पुरस्कार व सन 2007 में हिमांचल प्रदेश के सोलन में अखिल भारतीय नाट्य नृत्य महोत्सव में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुके निखिल रंजन ने गायन की शिक्षा गुरू बक्शी विकास से हासिल की. गोढना रोड निवासी दिलीप कुमार व मीना कुमारी के पुत्र निखिल फिल्मी संगीत के साथ साथ निखिल भारतीय शास्त्रीय संगीत व वेस्टर्न म्यूजिक के संयोग से बने फ्यूजन म्यूजिक में भी माहिर हैं.

सावन कुमार

By dnv md

Related Post