नहीं रहे जिले के हरदिल अजीज पूर्व डी एम मनोज बाबू

By om prakash pandey Aug 13, 2020

लोकतांत्रिक अधिकारों के पक्षधर पूर्व आईएएस ऑफिसर मनोज श्रीवास्तव का निधन

भोजपुर के पूर्व डी एम और सीनियर आईएएस मनोज श्रीवास्तव का एम्स में निधन हो गया.




वे और उनकी पत्नी कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद वहां भर्ती थे. पत्नी की रिपोर्ट तो नेगेटिव आ गई लेकिन मनोज जी का स्वास्थ्य लगातार गिरता गया. सांस की परेशानी हुई और BP काफी नीचे चला आया. फिर फेफडों ने पूरी तरह से काम करना बन्द कर दिया और उनकी मृत्यु हो गई.

आरा नगर निगम के वार्ड 21 के पार्षद और भाकपा माले के नेता अमित कुमार बंटी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि मनोज जी जनअधिकारों के पक्षधर थे और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखते थे.

भोजपुर जिले में उनका कार्यकाल बेहद चर्चित रहा था और शहर में अतिक्रमण हटाने, वृक्षारोपण करवाने, रमना मैदान के सौंदर्यीकरण आदि कार्यों के लिए उनका कार्यकाल हमेशा याद किया जाता है. उनके ट्रांसफर के समय भोजपुर की जनता उनको रोकने के लिए सड़कों पर उतर आई थी.

तत्कालीन अंचल अधिकारी सचिदानन्द शर्मा बताते हैं कि एक समाहर्ता के रूप में उनको अपने कर्तव्यों का भान था और कर्मचारियों से सहयोग करने की कला उनको आती थी.

पटना विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रघुनन्दन शर्मा ने जे एन यू के समाजशास्त्र विभाग में साथ बिताए दिनों को याद किया. मनोज श्रीवास्तव प्रतिष्ठित जे एन यू में समाजशास्त्र के विद्यार्थी रहे थे उसके बाद उच्च शिक्षा उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पूरी की. सिविल सेवा में आने के पूर्व उनका चयन आईपीएस में हुआ था. पटना में बतौर सचिव रहने के दौरान भी वे सामाजिक-सांस्कृतिक बैठकों में नियमित रूप से जाते थे. उनके हँसमुख और मिलनसार व्यक्तित्व को याद करते हुए कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उनको अपनी श्रद्धांजलि दी है.

IAS असोसिएशन की बिहार शाखा के सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि मनोज श्रीवास्तव की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता.

उनके निधन से भोजपुर ही नही प्रदेश के लोग मर्माहत हैं. लेकिन भोजपुर के लोगो से उनका अलग ही जुड़ाव था. वार्ड नंबर 21 के वार्ड पार्षद व नेता प्रतिपक्ष अमित कुमार गुप्ता उर्फ बंटी ने उन्हें याद करते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की. सोशल मीडिया पर छात्रों से लेकर सामाजिक मंच से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

महज 15 महीने के समय मे ही भोजपुर के लिए किया यादगार काम
1987 से 1988 तक के मात्र 15 महीना की अवधि में उन्होंने जो भोजपुर के जिला अधिकारी के पद पर कार्य किया वह यादगार है. आरा शहर को अतिक्रमण मुक्त करने और सड़कों को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान था. सरकारी जमीन का नापी कराना उनके समय का एक महत्वपूर्ण काम था. शहर में वृक्षारोपण का जो कार्य हुआ वह मनोज कुमार श्रीवास्तव के काल ही देन है.

आरा से ओ पी पांडेय व रवि प्रकाश सूरज की रिपोर्ट

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