पांच प्राइवेट अस्पतालों को जिलाधिकारी ने किया स्पष्टीकरण, 24 घंटे के अंदर जवाब देने का निर्देश
कोविड-19 संक्रमितों के इलाज में सहयोग नहीं करने , अपने अस्पतालों में इलाज संबंधी तैयारी नहीं करने एवं अभिरुचि नहीं लेने का आरोप
बिहार एपेडमिक डिजीज, कोविड-19 रेगुलेशन 2020 के तहत की जाएगी कानूनी कार्रवाई
पटना में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकारी अस्पतालों के अतिरिक्त प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने की कोशिश हो रही है.
इसके लिए जिलाधिकारी कुमार रवि ने 17 जुलाई को प्राइवेट अस्पताल के प्रबंधकों के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें अपने अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज हेतु आइसोलेशन वार्ड बनाने तथा बेड कर्णांकित करने का निर्देश दिया था.
लेकिन 23 जुलाई को प्राइवेट अस्पतालों की समीक्षा बैठक में पाया गया कि इन अस्पतालों के द्वारा कोविड-19 संक्रमितों के इलाज हेतु कोई व्यवस्था नहीं किया गया है और ना ही इस संबंध में अभिरुचि दिखाई जा रही है. प्राइवेट अस्पतालों के इस गैर जिम्मेदाराना कृत्य को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने 5 प्राइवेट अस्पतालों के प्रबंधक से स्पष्टीकरण करते हुए 24 घंटे के अंदर जवाब तलब किया है. उन्होंने पूछा है कि उनके इस कृत्य के लिए क्यों नहीं बिहार एपेडमिक डिजीज , कोविड-19 रेगुलेशन 2020 के तहत कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की जाए.
जिन प्राइवेट अस्पतालों के मैनेजर से स्पष्टीकरण किया गया है वो हैं-
मैनेजर, हाईटेक इमरजेंसी पटना।
मैनेजर, राजेश्वर हॉस्पिटल पटना।
मैनेजर ,जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल पटना।
मैनेजर ,सहयोग हॉस्पिटल पटना।
मैनेजर मिडवर्सल हॉस्पिटल पटना.
PNCB