बिहार में 1 मई से ही हर दिन हजारों की संख्या में परदेसी अपने घर लौट रहे हैं. रेलवे की तरफ से बिहार के बाहर लॉक डाउन में फंसे मजदूरों छात्रों और अन्य लोगों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. हर दिन 15 से 20 स्पेशल ट्रेनें बिहार आ रही हैं. इन ट्रेनों से बड़ी संख्या में लोग अपने घर वापस लौट रहे हैं और अपने साथ ला रहे हैं वायरस.
जी हां, वही जानलेवा वायरस जो सारे फसाद की जड़ बना हुआ है. शनिवार को 49 मामले बिहार में आए हैं कोरोनावायरस संक्रमण के. इनमें से 44 बिहार के बाहर से आए मजदूरों के हैं. यह आंकड़ा बिहार सरकार की तरफ से दिया गया है. इसकी पुष्टि की है स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने.
पिछले 2 दिनों में जो नए आंकड़े सामने आए हैं उनसे साबित होता है कि बिहार के बाहर से लौट रहे मजदूर संक्रमण लेकर आ रहे हैं. हालांकि इनमें से ज्यादातर लोगों को कोरेंटाइन किया गया है और वही उनकी जांच की जा रही है. लेकिन ऐसे लोग भी बड़ी संख्या में हैं जो कोरेंटाइन सेंटर से निकल भागे हैं या चोरी-छिपे अपने घर पहुंच गए हैं. ऐसे में सावधानी बहुत जरूरी है.
पीएनसी