बिहार में कोरोना का आंकड़ा 426 पर पहुंच चुका है. अब तक राज्य के 29 जिले कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. मार्च 2020 में बिहार में पहला मामला सामने आया था. ये मामला 21 मार्च को सामने आया था जब 38 साल के एक युवक की मौत पटना एम्स में इलाज के दौरान हो गई थी। यह युवक कतर से लौटा था और उसे किडनी की बीमारी थी. मौत के बाद जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि मुंगेर निवासी उस युवक को कोरोना था. अब इस मामले को इस तरह समझा जाए कि बिहार में पहला मामला 21 मार्च को दर्ज हुआ था और अब तक तक बिहार में 426 लोगों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से 85 लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं.
पटना में जो युवक सबसे पहले कोरोना संक्रमित पाया गया था उसने एन एच-30 बाइपास के पास खेमनीचक सनरम अस्पताल में अपना इलाज करवाया था. प्रशासन ने जब वहां जांच की तो वहां की एक नर्स और कुछ अन्य लोग भी संक्रमित मिले. हालांकि अब यह लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं. यह पटना का पहला हॉटस्पॉट था. वर्तमान में पटना का खाजपुरा इलाका हॉटस्पॉट बना हुआ है और सबसे ज्यादा मरीज फिलहाल वहीं से हैं. पटना में कुल मरीजों की संख्या फिलहाल 44 है. वही मुंगेर कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले में नंबर वन पर है वहां 95 कोरोनावायरस संक्रमित मरीज हैंं. जबकि 45 मरीजों के साथ रोहतास दूसरे नंबर पर पहुंच गया है.
बिहार में बहुत जल्द एक और जिले में कोरोना जांच की सुविधा शुरू हो रही है . अब तक बिहार के 6 जगहों – RMRI, IGIMS, PMCH, SKMCH, DMCH और AIIMS में जांच की सुविधा उपलब्ध है. अब जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज, भागलपुर में 3 मई से कोरोना की जांच शुरू होगी. 1 मई से बिहार के हर घर का सर्वे सरकार कराएगी ताकि यह पता चल सके कि कितने लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हैं.
बिहार के रेड जोन
मुंगेर,पटना, नालंदा, रोहतास, बक्सर और सिवान.
राजेश तिवारी