कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ा कर तीन मई कर दी गई है। सतर्कता और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए और सख्ती बढ़ाई गई है. सवाल है कि आखिर क्यों लॉकडाउन जरूरी है.
कोरोना संक्रमण के जाल को तोड़ने के लिए लॉकडाउन का कड़ाई से पालन ही एकमात्र बचाव है. इस महामारी ने स्वास्थ्य सेवाओं में अव्वल अमेरिका, इटली जैसे देशों की कमर तोड़ दी है. भारत में लॉकडाउन लगा कर इसके विस्फोट को रोक दिया गया है. अब इसके फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन बढाना जरूरी था. केन्द्रीय आयुर्वेद चिकित्सा परिषद् के सदस्य डॉ प्रजापति त्रिपाठी ने बताया कि बड़े पैमाने पर किसी भी संक्रमण के इलाज के लिए सबसे सुरक्षित तरिका वैक्सीनेशन होता है. दुर्भाग्य से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का वैक्सीन तैयार नहीं हो पाया है.
दूसरा तरीका संक्रमण से लड़ने का प्राकृतिक होता है. शरीर संक्रमण से बचाने के लिए एंटी बॉडी तैयार करता है. इसमें समय लगता है. कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ रहा है, ऐसे में कम्युनिटी प्रोटेक्शन ही सबसे सेफ तरीका है.
डॉ प्रजापति त्रिपाठी ने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग हीं कोरोना के चेन को रोकने का एकमात्र उपाय है और इसके लिए लॉकडाउन जरूरी है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए.
विश्व के कई बड़े देशों में कोरोना संक्रमण ने तबाही मचा दी है. आज लॉकडाउन का कड़ाई से पालन होगा तभी हमारा कल भी सुरक्षित रहेगा.
हीरेश