तो क्या राज्यों को मिलेंगे विशेष अधिकार!

कोरोना संक्रमण की चेन कितने दिन में लॉक डाउन तोड़ पाएगा ये अभी कोई भी बताने की स्थिति में नहीं है. 14 अप्रैल को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह दस बजे कोरोना श्रृंखला का अपना चौथा राष्ट्रीय संबोधन देंगे. चर्चा है कि इस संबोधन में प्रधान मंत्री राज्यों को यह अधिकार देने जा रहे हैं कि राज्य अपनी सुविधा और जरूरत के मुताबिक मौजूदा लॉक डाउन का विस्तार कर सकते हैं.


बिहार में लॉकडाउन एक्सटेंशन लगभग तय है. इस बार ‘जान भी के साथ जहान भी’ की तर्ज पर लॉकडाउन आगे बढ़ेगा. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पिछले तीन सप्ताह से ठप पड़ी गतिविधियां पटरी पर लाने की कोशिश की जाएगी.
लॉक डाउन से जान तो बच जाएगी, आगे जीवन कैसे चलेगा ये भी सोचना होगा. केंद्र और राज्य सरकार इसपर विचार कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि लॉक डाउन अगर ज्यादा दिन तक चला तो मजदूर, श्रमिक वर्ग, गरीबों की स्थिति खराब होगी. भूख से मरने से बेहतर है कोरोना से मरना. कोरोना से बच भी सकते हैं लेकिन भूख से मरना तय होगा. इस पर केंद्र और राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.




एक ओर आजीविका जरूरी है वहीं अगर सामाजिक दूरी का पालन नहीं होगा तो कोरोना संक्रमण को रोकना असंभव हो जाएगा.
कोरोना की कोई दवा अभी तक नहीं बन पाई है. ऐसे में सामाजिक दूरी ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है.

सरकार के पास भी सीमित उत्पाद है. लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए उत्पाद इकाइयों का शुरू होना जरूरी है.
सरकार कड़े नियम के साथ कुछ उद्योग धंधे को दूसरे लॉक डाउन में शुरू करने की अनुमति दे सकती है. 15 अप्रैल से जरूरी सेवाओं की होम डिलीवरी जारी रहेगी. बिहार सरकार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से कराएगी.

हिरेश की रिपोर्ट

By dnv md

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